नई दिल्ली : रूस दुनिया में एक बार फिर अपनी शक्ति के जरिए अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता है. इसके लिए रूस वोस्तोक -2018 का युद्धाभ्यास शुरू करने वाला है. बता दें कि शीतयुद्ध के बाद किया जाने वाला यह अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है. रूस इस युद्धाभ्यास को 11-17 सितंबर के बीच करेगा.
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इसके अलावा यूरापीय संघ ने तो रूस पर यह तक आरोप लगा डाला है कि यह युद्धाभ्यास नाटो को लक्ष्य बनाकर हो रहा है. रूस के इस कदम को लेकर नाटो के अलावा यूरापीय देशों ने भी गंभीर नाराजगी जताई है. नाटो ने इसे पश्चिम लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया है. आपको बता दें कि रूस के इस युद्धाभ्यास में 1 हजार एयरक्राफ्ट के अलावा 80 से ज्यादा युद्धपोत, जंगी जहाज और ड्रोन भाग लेंगे.
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रूस के इस कदम के बाद उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने भी इस तरह के युद्धाभ्यास करने के बारे में कहा साथ ही इस संगठन के देशो ने फैसला किया है कि वह भी अपनी शक्ति दिखाएंगे. बता दें कि इस अभ्यास को ट्राइडेंट जक्श्न 2018 का नाम दिया गया है. रूस के साथ चीन और मंगोलिया के सैनिक भी युद्धाभ्यास वाली जगह पर पहुंच चुके हैं.
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