रूस ने 21 नवंबर 2024 की सुबह 5 से 7 बजे के बीच यूक्रेन के Dnipro शहर पर ICBM मिसाइलों से हमला किया। यह युद्ध में पहली बार था जब इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया गया। संभावना है कि इस हमले के लिए रूस ने RS-26 Rubezh मिसाइलों का उपयोग किया, जिन्हें अस्त्राखान इलाके से दागा गया था।
यूक्रेनी वायुसेना ने इस हमले की पुष्टि की है। इस हमले में RS-26 Rubezh मिसाइल के अतिरिक्त, किंझल हाइपरसोनिक और KH-101 क्रूज मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया गया। यूक्रेनी वायुसेना ने बताया कि इस हमले में उनके महत्वपूर्ण संस्थान, इमारतें एवं ढांचे क्षतिग्रस्त हुए हैं, हालांकि इस हमले में गैर-परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया गया। क्रूज मिसाइलों को दागने के लिए रूस ने अपने लंबी दूरी के बमवर्षकों Tu-95MS का उपयोग किया, जो वोल्गोग्राड इलाके से उड़ान भरने के बाद इस हमले में शामिल हुए। वहीं, किंझल हाइपरसोनिक मिसाइलों को ताम्बोव इलाके से उड़ने वाले MiG-31K फाइटर जेट से दागा गया था।
रूस ने यह भी दावा किया है कि उसके हवाई रक्षा प्रणाली ने यूक्रेन द्वारा दागी गई दो ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को नष्ट कर दिया। यह पहली बार था जब यूक्रेन ने इन मिसाइलों का रूस के खिलाफ इस्तेमाल किया। 20 नवंबर 2024 को यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने दावा किया था कि रूस अपनी इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल RS-26 Rubezh को लॉन्च करने की योजना बना रहा है। यह मिसाइल कपुस्तिन यार एयर बेस से दागी जाएगी, जिसे अस्त्राखान भी कहा जाता है। हालांकि, संभावना है कि इस मिसाइल में परमाणु हथियार नहीं होंगे, किन्तु इसमें कम तीव्रता वाला परमाणु या पारंपरिक हथियार हो सकता है।
RS-26 Rubezh मिसाइल का वजन 36,000 किलोग्राम है तथा इसमें एक साथ 150/300 किलोटन के चार हथियार लगाए जा सकते हैं, यानी यह मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है। इसका मतलब है कि यह एक साथ चार अलग-अलग टारगेट्स पर हमला कर सकती है। यह मिसाइल Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को भी ले जाने में सक्षम है, जिससे हमला और भी प्रभावी हो सकता है। इस मिसाइल की रेंज तकरीबन 6,000 किलोमीटर है तथा यह 24,500 किमी/घंटा की गति से टारगेट की तरफ बढ़ती है। इस प्रकार की गति की वजह से इसे रोक पाना दुनिया के किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए असंभव है। इसे रोड-मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है, तथा इसे ट्रैक करना अत्यधिक मुश्किल होता है। यह मिसाइल अत्यधिक सटीक, मारक और घातक होती है। यह एयर लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (ALBM) की श्रेणी में आती है तथा इसे जमीन, पानी या चल रहे या छिपे हुए टारगेट्स पर दागा जा सकता है। यह आवाज की गति से 10 गुना अधिक, यानी 6,100 से 12,348 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलती है, तथा इसकी अधिकतम रेंज 2,000 किलोमीटर है।
किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल में 480 किलोग्राम वजन का परमाणु या पारंपरिक हथियार लगाया जा सकता है तथा इसे "डैगर" (Dagger) भी कहा जाता है। यह नाम इसका अर्थ "खंजर" से लिया गया है। रूस ने इस मिसाइल का बीते वर्ष यूक्रेन के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में एक अंडरग्राउंड वेयरहाउस को नष्ट करने में उपयोग किया था। रूस के सरकारी मीडिया संस्थान TASS के अनुसार, रूस ने अपने हाइपरसोनिक मिसाइल का पहली बार प्रदर्शन 2018 में किया था, जब उसने इसे अपने MiG-31K लड़ाकू विमान में तैनात किया था। यह प्रदर्शन 1941-45 के महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध की 73वीं वर्षगांठ के अवसर पर रेड स्क्वायर पर विक्ट्री डे मिलिट्री परेड में किया गया था।
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