रूस ने अमेरिका और ब्रिटेन के उन दावों को अमान्य कर दिया गया है, जिसमें अंतरिक्ष में उपग्रह रोधी हथियार का परीक्षण किया. इसके साथ ही रूस ने बताया कि ये आरोप साबित करते हैं, कि अमेरिका स्वंय अंतरिक्ष में हथियार तैनात करने का इरादा रखता है. अमेरिका और ब्रिटेन के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दावा किया था, कि 15 जुलाई को उपग्रह रोधी हथियार के परीक्षण से संकेत मिलता है कि रूस ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने का कोशिश कर रहा है, जो अंतरिक्ष में अमेरिका और उसके सहयोगी राष्ट्रों की दौलत के लिए संकट पैदा कर सकता है.
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रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि 15 जुलाई के परीक्षण से अंतरिक्ष में किसी तरह का संकट पैदा नहीं हुआ है, और यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए किया गया. बयान में कहा गया कि रूस की अंतरिक्ष गतिविधियों और शांतिपूर्ण अभियानों को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है.
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इसके अलावा अमेरिका और ब्रिटेन के आरोपों के बारे में टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जवाब दिया है. जिसमें उन्होने मीडिया को कहा कि रूस हमेशा से अंतरिक्ष के विसैन्यीकरण और किसी भी प्रकार के हथियार की तैनाती नहीं करने के पक्ष में रहा है.वहीं इससे इतर कोरोना वायरस से जंग में रूस आगे चल रहा है.कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगी वैज्ञानिकों की सैकड़ों टीमों में से कुछ टीमें आगे चल रही हैं, इनमें रूस के वैज्ञानिकों का एक दल भी है. रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल पूरा कर लिया है. हालांकि अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है, कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन, बड़ी राजनीतिक हस्तियों और देश के अरबपतियों ने अप्रैल माह में ही कोविड-19 का टीका लगवा लिया था.
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