आजकल कई चौकाने वाले मामले सामने आते रहते हैं। अब हाल ही में जो मांल्स आमने आया है वह रूस (Russia) का है। जी दरअसल यहाँ एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जी दरअसल यहाँ कुछ ऐसा हुआ है कि जानने के बाद आपके भी होश उड़ जाएंगे। जी दरअसल यहाँ के एक सुदूर गांव के निवासियों का कहना है कि उन्हें प्रदूषण वाली सर्दियों का सामना करना पड़ रहा है। जी हाँ और केवल यही नहीं बल्कि इस वजह से सफेद बर्फ गिरने की जगह काली बर्फ (Black Snowfall in Russia) गिर रही है। जी दरअसल रूस के सुदूर पूर्व में साइबेरिया (Siberia) के मगदान क्षेत्र (Magadan region) के ओमसुक्चन (Omsukchan) में स्थानीय लोगों ने इस बारे में शिकायत की है।
#Russia is a country of outstanding natural beauty and diversity. But the sheer lack of environmental regulations is a devastating effect for residents in #Kuzbass, where last night there was BLACK SNOW. pic.twitter.com/zMiEWBJbnh
— Mikhail Khodorkovsky (English) (@mbk_center) February 14, 2019
उनका कहना है कि उनके बच्चे राख और काली बर्फ से ढकी गलियों और खेल के मैदानों में (Black snowfall in Siberia) खेलने को मजबूर हो गए हैं। केवल इतना ही नहीं बल्कि इस गांव में कोयले से जलने वाले गर्म पानी का प्लांट है, जो यहां के चार हजार लोगों को जरूरी गर्मी प्रदान करता है। इसके चलते कालिख और धूल की वजह प्रदूषण भी बढ़ गया है। फिलहाल सामने आई तस्वीरों में यह साफ़-साफ़ देखा जा सकता है कि ठंडे बसे इलाके में काली बर्फ बिछी हुई है। आप सभी को बता दें कि स्टालिन यहां पर राजनीतिक कैदियों को जबरन मजूदरी करने के लिए भेजा करता था। वहीं यहाँ के एक निवासी द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा गया कि 'ओमसुचन गांव में बर्फ जमी हुई है। जनवरी का महीना है और हमारे बच्चे यहां पर काली बर्फ में खेल रहे हैं। इस तरह हम यहां 21वीं सदी में रह रहे हैं।' वहीं एक अन्य ने कहा, 'यह ओमसुक्चन गांव है और बर्फ काली है पूरी तरह से काली।' यहाँ साल 2019 में भी ऐसा हो चुका है, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
वहीं दूसरी तरफ यहाँ के निवासियों का कहना है कि तीन दशक पहले सोवियत यूनियन (Soviet Union) के पतन के बाद के बावजूद कुछ भी नहीं बदला है। केवल यही नहीं बल्कि यहां पर हालात अभी भी पहले जैसे ही हैं। यहाँ के एक व्यक्ति का कहना है, 'आज भी हमारे बच्चों को काले धुएं में सांस लेना पड़ता है। ऐसा लगता है कि यहां पर कुछ बदलने वाला नहीं है।'
आप सभी को हम यह भी बता दें कि इस महीने यहां पर तापमान -50 डिग्री के नीचे तक पहुंच गया और इस वजह से यहां पर बड़े पैमाने पर कोयला जलाया गया है, जिसकी वजह से यहां पर बर्फ के ऊपर काले धुएं की परत जम गई। फिलहाल यहाँ की काली बर्फ की तस्वीरें सोशल साइट्स पर छाई हैं।
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