नई दिल्ली: गलवान घाटी में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद भारत और चीन में तनातनी बढ़ती ही जा रही है। सीमा पर पाकिस्तान और चीन की दोहरी चुनौती से निपटने के लिए इंडियन एयरफोर्स को लड़ाकू विमानों की सख्त जरूरत है। इसी चुनौती से निपटने के लिए इंडियन एयरफोर्स ने रूस से 21 नए मिग -29 और 12 Su-30MKI का प्रस्ताव सरकार के पास पहुँचाया है।
इस बीच रूस ने कहा है कि वह भारत की आवश्यकताओं को देखते हुए जल्द से जल्द इन विमानों को और अधिक आधुनिक बनाकर भारत को सौंपने के लिए तैयार है। WION न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रूस और भारत सरकार के बीच होने वाले इस सौदे के लिए मास्को पूरी तरह से तैयार है। बताया जा रहा है कि रूस इन दिनों मिग-29 लड़ाकू विमानों को आधुनिक बनाने की कवायद में लगा हुआ है। एक बार जब इन विमानों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी तो ये विमान चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बराबर हो जाएंगे।
आधुनिकीकरण के बाद मिग-29 विमान रूस और विदेशों के आधुनिक हथियारों के साथ बहुत रफ़्तार से और ऊंचाई वाले स्थानों पर उड़ान भर सकेंगे। इतना ही नहीं ये विमान दुश्मनों की पहचान करने में और अधिक कारगर हो जाएंगे। आधुनिक सामग्री और तकनीक की सहायता से ये विमान अगले 40 वर्षों तक इंडियन एयरफोर्स में अपनी सेवा दे सकेंगे। भारत 12 सुखोई-30 MKI विमानों को खरीदने जा रहा है। भारत में मौजूद सुखोई विमानों को इस वर्ष जनवरी महीने में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लैस किया गया था। बताया जा रहा है कि सुखोई विमानों को हवा से हवा मार करने वाली नई तरह की मिसाइलों से लैस किया जाएगा।
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