रूस ने अपने अटैक में यूक्रेन के नागरिकों को इतनी गहरी चोट दी हैं कि हजारों के आँकड़े में आम लोग भी रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेनी सेना का साथ देने के लिए सामने आ रहे हैं. ट्रेन से कीव जा रहे ऐसे ही एक शख्स व्लादिमीर से मीडिया ने चर्चा की. व्लादिमीर ने चर्चा में कहा कि वह पोलैंड में अपने संबंधियों को सुरक्षित पहुंचाने के पश्चात् यूक्रेन सेना का इस जंग में साथ देने के लिए कीव जा रहा है.
वही शख्स ने बताया कि भले ही उसका नाम व्लादिमीर हो मगर रूस के राष्ट्रपति का नाम भी व्लादिमीर है इसलिए मुझे अब इस नाम चीड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का अनुमान था कि दोनों देशों के बीच जंग आरम्भ होगी मगर इस तरीके से आरम्भ होगी इस बात का अहसास नहीं था. यूक्रेन के पूर्वी दो इलाकों लुहान्स्क एवं डोनेट्स्क से लंबे समय से जंग चल रही है. मैंने इन क्षेत्रों के कई व्यक्तियों के साथ काम किया. कई समझदार लोग लगभग 8 साल पहले वहां से कीव आ गए. हमारे बीच 8 वर्ष से कलह रहा था.
वही व्लादिमीर से पहले दिन जब रूस ने अटैक किया मैं सो रहा था मगर धमाके की आवाज सुनकर मैं हैरान रह गया. रूस के अटैक ने मुझे हिलाकर कर दिया. मैं उसकी जानवरों से भी तुलना नहीं करूंगा क्योंकि जानवरों में भी भावनाएं होती हैं. रूस में बिल्कुल भी मानवता नहीं बची है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि 2022 में इस प्रकार की दरिंदगी कोई कैसे कर सकता है. वही मीडिया के सवाल पर व्लादिमीर ने माना कि उनका देश रूस से जंग जीतने वाला नहीं है मगर यूक्रेन की ही जमीन पर हमारे दादा-परदादा की समाधि बनी है इसलिए हम उसका सामना करेंगे. उन्होंने कहा कि बीते वर्ष सितंबर में उनके पिता का निधन हो गया था. रूसी हमले के चलते जब टेलीविज़न टावर पर मिसाइल से अटैक किया गया था तक मिसाइल उनके पिता की कब्र पर आ गिरी तथा सब कुछ तहस नहस हो गया. मैं इसका बदला लेकर रहूंगा.
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