मॉस्को: रूस का एक मिलिट्री सैटेलाइट, जिसके बारे में रूस की तरफ से दावा किया गया था कि, वो कामयाबी के साथ लॉंच किया जा चुका है, वो खराब होकर बेकाबू हो चुका है और अब कभी भी पृथ्वी पर गिर सकता है। जी हाँ, हाल ही में मिली जानकारी के तहत 20 टन वजनी रूसी सैटेलाइट के खराब होने के बाद पूरी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिक सकते में हैं और रूस पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। वहीँ दूसरी तरफ वैज्ञानिकों का कहना है कि, पिछले साल एक चीनी सैटेलाइट भी बेकाबू हुआ था और अब रूसी सैटेलाइट अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ है, लिहाजा इन देशों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, क्योंकि, इससे इंसानों की जिंदगी पर काफी खतरा आ जाता है।
आप सभी को बता दें कि सामने आने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, 20 टन का रूसी सैन्य जासूसी सैटेलाइट, जिसे अंगारा ए-5 रॉकेट से लॉंच किया गया था, वो अंतरिक्ष में खराब होने के बाद बेकाबू हो चुका है। कहा जा रहा है इस सैटेलाइट को एक हैवी कैरियर प्लेसेट्स्क स्पेसपोर्ट से सोमवार को रूस ने लॉंच किया था और रूस ने सैटेलाइट की सफलतापूर्वक लॉंचिंग का दावा किया था। हालाँकि अब स्वतंत्र विशेषज्ञों ने दावा किया है कि, रूस का ये जासूसी सैटेलाइट और बूस्टर रॉकेट की लॉंचिंग इसके इंजन में आई खराबी की वजह से फेल हो गई है और ये सैटेलाइट अब धरती पर वापस गिर जाएगा। जी दरअसल रूस का आधुनिक अंगारा ए-5 रॉकेट आने वाले सालों में उन्नत जासूसी और हथियार नेविगेशन सैटेलाइट को कक्षा में भेजने के साथ-साथ आने वाले सालों में रूस के महत्वपूर्ण चंद्रमा मिशनों में काफी महत्वपूर्ण योगदान देने वाला था।
आपको बता दें कि अंगारा और पर्सी बूस्टर ने अपने मिशन को टेस्ट करने के लिए एक 20 टन वजनी भारी नकली भारी सैटेलाइट ले गया था, लेकिन इंजन में गड़बड़ी आने की वजह से रूस का ये मिशन अब फेल हो चुका है और अंतरिक्ष में 20 टन का ये सैटेलाइट अब बेकाबू हो चुका है। कहा जा रहा है इस जासूसी सैन्य सैटेलाइट को रूस की मिलिट्री हाइकमांड के आदेश के बाद लांच किया गया था और अब जब ये मिशन फेल हो चुका है। ऐसे में रूसी मिलिट्री हाइकमांड की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। हालाँकि एक वेबसाइट ने दावा किया है कि आने वाले कुछ दिनों में इस बेकाबू सैटेलाइट का धरती पर गिरना तय है।
ओमिक्रोन वैरिएंट की लहर के मद्देनजर, यूके ने नए "सर्ज सेंटर" स्थापित किए