सचिन देव बर्मन जिन्हें संगीत के जगत में एसडी बर्मन के नाम से पहचाना गया। उन्होंने अपने संगीत से एक नए युग का आरम्भ किया था। उनके नगमों एवं संगीत को चाहकर भी नहीं भुलाया जा सकता है। 1 अक्टूबर को हम सबके प्रिय एसडी बर्मन साहब का जन्मदिन होता है। इस विशेष अवसर पर आज हम आपको उनका एक किस्सा बताते हैं, जब पहली बार बेटे के कारण उनका सिर झुक गया था। यहाँ जानिए पूरी कहानी...
एसडी बर्मन त्रिपुरा के राजा नबद्वीप चंद्र देव बर्मन के बेटे थे। त्रिपुरा राजघराने से संबंध रखने वाले एसडी बर्मन साहब ने अपने संगीत करियर का आरम्भ 1937 में बंगाली फिल्मों से किया था। तत्पश्चात, वह हिंदी फिल्मों की भांति आए तथा यहां उन्होंने संगीत को नया मुकाम दिया। 100 से अधिक फिल्मों के म्यूजिक डायरेक्टर एसडी बर्मन साहब ने लता मंगेशकर से लेकर मोहम्मद रफी, किशोर कुमार से लेकर मुकेश तक हर किसी को संगीत का ज्ञान दिया था। बर्मन साहब जितने जबरदस्त संगीतकार थे, उससे कहीं अधिक दिलचस्प इंसान थे, किन्तु उन्हें संगीत में लापरवाही बिल्कुल पसंद नहीं थी।
एसडी बर्मन एवं उनके बेटे राहुल देव बर्मन उर्फ पंचम दा के बीच कुछ विशेष तालमेल नहीं था। बोला जाता है कि अक्सर एसडी बर्मन को अपने बेटे के गाने पसंद नहीं आते थे, मगर तब तब पंचम दा भी मायूस हो गए, जब पहली बार उनके पिता स्टूडियो से सिर झुकाकर बाहर गए। दरअसल पंचम दा ने जीनत अमान का सुपरहिट 'सॉन्ग दम मारो दम' का निर्माण किया था। गाना बनने के पश्चात् उन्होंने अपने पिता को जब गाना सुनाया तो, वह बहुत निराश हुए तथा सिर झुकाकर बाहर चले गए। उन्हें गाना पसंद नहीं आया, साथ ही उन्हें लगा कि वह अपने बेटे को सही तरीके से शिक्षा नहीं दे पाए।
पति को मिला नेशनल अवॉर्ड तो खुशी से झूम उठी काजोल