नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी में दो दलित नाबालिग बहनों की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या की वीभत्स घटना के बाद एक तरफ आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की माँग हो रही है। वहीं दूसरी तरफ, प्रोपेगंडा मीडिया गिरोह इस मुद्दे पर खामोश नज़र आ रहा हैं। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात तो यह है कि ये चुप्पी आरोपितों का नाम उजागर होने के बाद साधी गई है, वरना गिरफ्तारी से पहले इस घटना को जातिगत एंगल देकर घृणा फैलाने की घिनौनी कोशिश शुरू हो चुकी थी।
लखीमपुर खीरी की घटना के बाद आप खुद को निष्पक्ष कहने वाली तथाकथित पत्रकार सबा नकवी का यह ट्वीट देखिए। उन्होंने NDTV की एक खबर को साझा करते हुए ये ज्ञान दिया कि खबर में कम से कम ‘जाति’ के बारे में तो बताना ही चाहिए था। सबा नकवी ने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'रिपोर्ट में जाति का उल्लेख नहीं है, जबकि ये बेहद जरूरी है। 2 नाबालिग लड़कियाँ, बहनें यूपी के लखीमपुर में पेड़ से लटकी मिली हैं।' नकवी ने यह ट्वीट बुधवार को 11:38 पर किया गया था और गुरुवार को यूपी पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए 6 आरोपितों को पकड़ लिया। इन आरोपितों की शिनाख्त जुनैद, सोहैल, आरिफ, हाफिज, छोटे और करीमुद्दीन के तौर पर की गई है।
2 minor Dalit girls found hanging from a tree in Lakhimpur Kheri, UP.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) September 15, 2022
Yesterday, Journalist Saba Naqvi said that it's important to mention the caste.
Today, 6 men arrested. But now, she won't say that mention caste or religion of perpetrators because it doesn't suit her agenda. pic.twitter.com/TNkCz7jfqe
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि आरोपी दोनों बहनों को बहला-फुसलाकर कर खेत में ले गए थे और उसके बाद इन लड़कियों का बलात्कार कर उनकी हत्या कर पेड़ पर लटका दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी यही बात पता चली है। अब सोशल मीडिया यूजर्स, नकवी के पोस्ट पर उन्हें आरोपियों का मजहब बताते हुए पूछ रहे हैं कि कल तक आपको रिपोर्ट में जाति का जिक्र चाहिए था। अब तो आरोपितों का मजहब भी पता चला गया, फिर आप क्यों चुप हैं। अंशुल सक्सेना ने इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट पोस्ट करके कहा कि, 'दो नाबालिग लड़कियाँ लखीमपुर खीरी में पेड़ से लटकी हुईं पाई गई। कल पत्रकार सबा नकवी कह रही थी कि जाति लिखना आवश्यक है। आज 6 लोग पकड़े गए हैं। मगर अब वह कुछ भी नहीं कह रहीं कि आरोपितों का जाति या मजहब लिखना चाहिए, क्योंकि शायद ये उनके एजेंडे को सूट नहीं करता।'
वहीं, एक यूजर ने कमेंट किया कि, 'सबा नकवी हिंदू जाति को दोषी दिखाने के लिए एक जघन्य अपराध को हथियार की तरह प्रयोग कर रही थीं। लेकिन दुर्भाग्य से उनके आरोपितों का नाम छोटू, जुनैद, सोहैल, करीमुद्दीन और आरिफ जुनैद है।' दरअसल, सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि, सबा नकवी इस फ़िराक में थी कि आरोपी कोई हिन्दू निकले और उन्हें अपना प्रोपेगेंडा चलाने का मौका मिले, इसके बाद वे तमाम हिन्दू समुदाय को कटघरे में खड़ा कर उनके खिलाफ नफरत फैला सकें। लेकिन अफ़सोस ये रहा कि, आरोपी मुस्लिम निकले, जिनके खिलाफ लिखना या बोलना सबा नकवी के एजेंडे में फिट नहीं बैठता, इसलिए उन्होंने केवल गिरफ्तारी के ट्वीट को रीट्वीट करते इतिश्री कर ली।
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