कोच्ची: सबरीमाला मंदिर विवाद के चलते आज सुबह पुलिस ने समाजसेविका तृप्ति देसाई को हिरासत में लिया. उन्होंने कल एसपी अहमदनगर को एक पत्र लिखा था जिसमे उन्होंने आज पीएम मोदी की शिर्डी यात्रा से पहले उनसे मिलकर सबरीमाला मंदिर के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की थी. अगर वह नहीं मिलती तो उसने अपने काफिले को रोकने की भी धमकी दी थी. साथ ही उन्होंने ये धमकी भी दी थी कि अगर पीएम मोदी उनसे मुलाकात नहीं करते हैं तो वे पीएम की शिरडी रैली को आगे नहीं बढ़ने देंगी.
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हिरासत में लिए जाने के बाद तृप्ति देसाई ने कहा कि जब हम शिरडी के लिए निकल रहे थे, तब पुलिस बल पहले से ही वहां मौजूद था, उन्होंने कहा कि हमें प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, जबकि प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. तृप्ति ने आरोप लगाया कि यह मोदीजी द्वारा हमारी आवाज़ को दबाने का प्रयास है.
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जबकि पवित्र स्थान के बाहर कई भक्तों ने कहा कि भले ही सभी को प्रार्थना करने का अधिकार दिया गया हो, फिर भी तीर्थयात्रा के स्थान पर महिलाओं की गैर-प्रवेश एक अनुष्ठान है जिसका पालन किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का मुद्दा सही है कि पुरुष और महिलाएं बराबर हैं, लेकिन यहां कुछ संस्कृति चल रही है कि मंदिर में 10-50 साल की आयु वर्ग में महिलाओं की अनुमति नहीं है, यह हमारा रिवाज है और हमें अपने रिवाजों का पालन करना चाहिए क्योंकि भारत एक पारम्परिक और प्राचीन देश है. इसी बीच बीजेपी सहित अन्य हिन्दू संगठनों का पिछले तीन दिनों से लगाया हुआ गतिरोध आज भी जारी है, अभी तक कोई भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है.
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