सबरीमाला मंदिर : आदिवासियों का आरोप, पुराने रीति-रिवाज को खत्म कर रही है सरकार और कोर्ट

सबरीमाला मंदिर : आदिवासियों का आरोप, पुराने रीति-रिवाज को खत्म कर रही है सरकार और कोर्ट
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तिरूवनंतपुरम. केरल में पिछले कुछ दिनों से सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विवाद बढ़ते ही जा रहा है. इस मामले में हाल ही में केरल के कई आदिवासी संगठनों ने कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कोर्ट और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है. 

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इन आदिवासी संगठनों में से एक सबरीमला के आसपास की पहाड़ियों पर रहने वाले आदिवासियों के संगठन ने हाल ही में सरकार और कोर्ट के साथ-साथ  त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ये लोग हमारे बरसों पुराने रीती-रिवाजों को खत्म करने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने यह दावा भी किया है कि उनके बरसों पुराने धार्मिक रिवाजों के तहत रजस्वला लड़कियों और महिलाओं को अशुद्ध माना जाता है और इस वजह से उन्हें मंदिर में प्रवेश की अनुमति देना इन रीती-रिवाजों को ख़त्म करने जैसा ही है .

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आपको बता दें कि केरल के इस प्रसिद्ध मंदिर में अब तक 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाता था लेकिन कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक फैसला देते हुए कहा था कि कोई भी महिला मंदिर परिसर में जा सकती है. आज इस मंदिर के द्वार लंबे समय के बाद खुलने वाले है और इसके साथ ही इलाके में अभी से तनाव की स्थिति भी बनने लगी है. 
 
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