नई दिल्ली. राज्यसभा में शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. राज्यसभा मेंबर सचिन तेंडुलकर पहली बार सदन में स्पीच देने के लिए खड़े हुए, लेकिन कांग्रेस मेंबर्स के हंगामे की वजह से बोल नहीं पाए. कांग्रेस और बीजेपी के मेंबर्स के बीच नरेंद्र मोदी के मनमोहन सिंह पर दिए गए बयान को लेकर हंगामा कर रहे थे.
कांग्रेस सांसदों के हंगामे के कारण राज्यसभा में अपने डेब्यू मैच में क्रिक्रेटर सचिन तेंडुलकर जीरो पर आउट हो गए और सदन में अपना पहला भाषण नहीं दे पाए. सभापति एम. वेंकैया नायडू ने काफी कोशिश की कि सचिन अपनी बात कह सकें, लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे का कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया. इस बात से नाराज नायडू ने सदन को अचानक स्थगित कर दिया.
बता दे कि सचिन सदन में राइट टू प्ले और भारत में खेल के भविष्य पर बोलने वाले थे. इसके लिए उन्हें कांग्रेस मेंबर पीएल पुनिया और बीजेपी मेंबर रणविजय सिंह जूदेव का सपोर्ट भी मिला. लेकिन, हंगामे की वजह से उनकी स्पीच शुरू ही नहीं हो पाई. वेंकैया ने कहा कि सरकार ने सचिन को भारत रत्न से सम्मानित किया है. उन्हें अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए. लेकिन सदस्यों ने इसका जवाब देते हुए कहा कि हमारा मुद्दा काफी अहम् है. सचिन तेंडुलकर को 2012 में राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया था. उन्हें आज अपना पहला भाषण सदन में देना था.
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