नईदिल्ली। सागरमाला परियोजना वर्ष 2017 को लेकर जानकारी सामने आई है कि इस योजना को अभी तक गति नहीं मिल सकी है। इस योजना के माध्यम से बंदरगाहों के अधोसंरचनात्मक विकास को बल नहीं मिल सका है। गौरतलब है कि समुद्री परिवहन की प्रबंधन और माल ढुलाई क्षमता जरूर बढ़ी है लेकिन उस अनुसार बंदरगाहों का विकास नहीं हुआ है। सागरमाला परियोजना जल परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार की गई थी।
मगर अभी तक इस पर पूरी तरह से कार्य नहीं हो पाया है। गौरतलब है कि बंदरगाहों को आधुनिकतौर पर विकसित करने व उसकी क्षमता को बढ़ाने हेतु रेल व सड़क मार्ग को जोड़ा जाएगा। जिससे माल ढुलाई हेतु जलमार्गों का उपयोग आसान हो सके। हालांकि अभी तक करीब 57 नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई थी।
हालांकि बंदरगाहों के विकास व उनकी क्षमता को बढ़ाने हेतु इस वर्ष 57 परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। बंदरगाहों की क्षमता को बढ़ाने हेतु वर्ष 2017 व 2018 में 59 परियोजनाओ को मंजूरी देने का लक्ष्य है। हालांकि देश के महत्वपूर्ण बंदरगाहों की माल ढुलाई की सालाना क्षमता 2016 - 17 के दौरान 1065.83 टन रही जो 2015-16 में 965.36 टन थी।उल्लेखनीय है कि यह बंदरगाहों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण योजना है।
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