‘सागरमाला’ की समय सीमा को क्यों किया आधा ?

‘सागरमाला’ की समय सीमा को क्यों किया आधा ?
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मुम्बई: देश के बन्दरगाहों के आधारभूत ढाँचे का विकास करने के लिए शुरू की गई सागरमाला परियोजना को आधा करने का निर्णय लिया है.यह बात सामुद्रिक सम्मेलन में केन्द्रीय सड़क, राजमार्ग एवं जहाज मार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने कही.

आपने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद साग्र्माला परियोजना को 10 के बजाय 5 साल में पूरा करने का निर्णय लिया है.ताकि एक करोड़ से अधिक रोजगार पीड़ा किये जा सके. यह परियोजना 7500 किमी की समुद्री सीमा पर बन्दरगाहों से जुड़े विकास को बढाएगी. साथ यह परियोजना भारत से वस्तुओं के निर्यात को 110 अमेरिकी डालर तक बढ़ाएगी. इस आयोजन से सालाना 35 हजार करोड़ की बचत होगी और एक करोड़ नए रोजगार पैदा होंगे.40 लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा.

दरअसल,सागरमाला परियोजना करीब 150 परियोजनाओं का मिश्रण है. मेक इन इण्डिया के तहत ज्यादा काम हो सकने वाली इस योजना में बन्दरगाहों का आधुनिकीकरण, सम्पर्क, बन्दरगाह आधारित औद्योगिकीकरण और तटीय समुदाय विकास शामिल है.इसके लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रमों के तहत 12 लाख करोड़ रुपए निवेश करने की योजना है.

बन्दरगाहों के आधुनिकीकरण के तहत उनकी क्षमता को बढ़ाकर एक अरब टन वार्षिक किया जाना है.इसी तरह बन्दरगाहों के बीच सम्पर्क स्थापित करने के लिए 10 हजार किमी का नया आधारभूत ढांचा विकसित करना है.जिसमें 30 अरब डालर का निवेश सम्भावित है.सात नए सूखे बन्दरगाह भी बनाए जाना है.                                         

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