सहारनपुर। सहारनपुर में जातीय हिंसा को लेकर पुलिस सक्रिय हो गई। दरअसल गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्रा, एडीजी कानून व्यवस्था, आदित्य मिश्रा, आईजी एसटीएफ, अमिताभ यश, डीआईजी विजय भूषण समेत बड़े पैमाने पर अधिकारी मौजूद रहे। मृतक के परिजन को 15 लाख व घायल को करीब 50 हजार रूपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की। मगर इसी बीच एक और व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस जांच में जुटी हे कि घटना का संबंध सहारनपुर मसले से है या नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार सहारनपुर में जनता रोड़ क्षेत्र में युवक को गोली मारने की घटना सामने आई। गौरतलब है कि शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के तहत विवाद हुआ इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया और फिर दलितों के घर जलाने की बात भी सामने आई। मायावती द्वारा कहा गया कि योगी सरकार दलितों को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में समाज का कमजोर वर्ग भी असमर्थ है। हालांकि गोलीबारी का कारण सामने नहीं आया।
मगर इस मामले में पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। इसके पूर्व लखनऊ से चलकर मंगलवार देर रात गृह सचिव सहारनपुर पहुंचे। इतना ही नहीं एडीजी कानून व्यवस्था, आईजी डीआईजी ने एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ पुलिस लाईन परिसर में समीक्षा बैठक आयोजित की। गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, आगरा से पीएसी के 5 कमांडेंट्स गोलीबारी के बाद शहर पहुंचे। उत्तरप्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को रिपोर्ट प्रस्तुत की इस दौरान उन्होंने कहा कि 23 मई को मायावती की रैली से लौटने वाले लोगों पर ठाकुर समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया।
हिंसा की घटना में जहां 15 लोग घायल हो गए थे वहीं 1 दलित ने दम तोड़ दिया। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा पर दुख व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने हिंसा हेतु मायावती के दौरे को जवाबदार बताया।
AAP के विधायक पर चलेगा दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा