मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेइर पेडरसन ने बताया कि सीरिया में संघर्षरत विरोधी पक्ष जेनेवा आने के लिए और अगले एजेंडे पर वार्ता करने के लिए राजी हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि विरोधी पक्षों द्वारा इस सहमति के बाद इस परिक्षेत्र में विश्वास और शांति की एक नया अवसर प्रदान करता है. उनहोंने कहा कि क्षेत्र में शांति स्थापति करन का यह एक बेहतर मौका है. इससे यहां लंबे वक्त से चले आ रहे संघर्ष पर भी विराम लगेगा. दोनों पक्ष संविधान पर वार्ता के लिए राजी हो गए हैं.
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अपने बयान में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के प्रकोप घटते ही दोनों पक्षों ने इस बात पर अपनी सहमति प्रगट की है कि जेनेवा की बैठक में भाग लेकर अगले एजेंडा पर वार्ता करेंगे. हालांकि, इस बाबत उन्होंने कोई तीथि का ऐलना नहीं किया है. उन्होंने कहा संवैधानिक समिति की यह अहम बैठक वर्चुल मीटिंग से संभव नहीं है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के ख़िलाफ़ नौ साल पहले शुरू हुई शांतिपूर्ण बगावत पूरी तरह से गृहयुद्ध में तब्दील हो चुकी है. इसमें अब तक तीन लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. इस गृहयुद्ध में पूरा देश तबाह हो गया है और दुनिया के ताकतवार देश भी आपस में उलझ गए हैं.
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