नई दिल्ली: सुपर सीरीज प्रीमियर टूर्नामेंट के लिए पीवी सिंधु और साइन नेहवाल भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगी. इसके साथ ही प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ट्रॉफी हासिल करने वाली तीसरी भारतीय बनने की कोशिश करेंगी .बताते चले कि पुलेला गोपीचंद ने प्रकाश पादुकोण की 1980 की उपलब्धि 2001 में दोहरायी थी, और तब से भारत इस ख़िताब पर अपना कब्जा नही जमा पाया है.
बता दे कि साइन नेहवाल 2015 में ऑल इंग्लैंड ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंची थी लेकिन कैरोलिना मारिन से हार गई थी, वही अब साइन अपने घुटने की चोट से पूरी तरह उभर चुकी है और अब वो विश्व बैडमिंटन में अपना स्थान हासिल करने की भरपुर कोशिश करेंगी. साइना और सिंधु दोनों ने नये सत्र की शुरुआत मलेशिया मास्टर्स और सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड टूर्नामेंट में खिताबी जीत से की है.
2015 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में उपविजेता रही साइन ने कहा कि मैं 2015 ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में उप विजेता रही थी लेकिन कैरोलिना मारिन का सामना करना बड़ी चुनौती थी. उसने मुझे हराकर खिताब जीता. अब मैं ठीक हूं और प्रतिद्वंद्वियों से भिड़ने को तैयार हूं.
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