इस वर्ष 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक एशियन गेम्स होने वाला है लेकिन उसके पहले से विवाद बढ़ता जा रहा है. पहलवान साक्षी मलिक ने आज ऐलान किया है कि अगर ये मुद्दा नहीं सुलझाया गया तो हम एशियाई गेम्स में भाग नहीं लेंगे. सांसद बृजभूषण को लेकर कई दिनों तक पहलवान जंतर मंतर पर अनशन भी करते हुए दिखाई दे रहे है. जिसके उपरांत विवाद काफी बढ़ गया था. पहलवानों की मांग है कि जब सांसद पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस भी दर्ज किया जा चुका है दर्ज करा दिया गया तो अभी तक गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हो पाई है. पहलवान साक्षी मलिक ने आज साफ कर दिया है कि जब तक ये विवाद पूरी तरह सुलझ नहीं जाएगा वो खेल में भाग नहीं लेंगी.
कुछ दिनों पहले खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आवास पर पहलवानों के साथ बैठक भी हुई थी . मीटिंग करीब पांच घंटे तक चली और उसमें कई मसलों पर वार्तालाप हुई. पहलवानों ने केंद्रीय मंत्री के सामने मांग रखी कि बृजभूषण सिंह को हिरासत में ले लिया जाए. जब तक उनको गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक वो धरना जारी रखेंगी. हालांकि खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को 15 जून तक जांच पूरी होने का आश्वासन भी दे दिया है और तब तक किसी तरह का प्रदर्शन न करने की मांग की. पहलवानों ने उनकी बात मान ली हैं. लेकिन इस केस में एक और पेंच फंस गया है.
इस मामले में जिस नाबालिग खिलाड़ी ने यौन शोषण का इल्जाम भी लगा दिया है, उसके पिता ने बयान बदल दिए हैं. पिता ने बोला है कि बृजभूषण सिंह ने मेरी बेटी के साथ शोषण नहीं किया है लेकिन उनका व्यवहार ठीक नहीं था. पिता ने कोर्ट में दिए अपने बयान में बोला है कि एक प्रतियोगिता के लिए ट्रायल हो रहा था. इसमें दिल्ली का रेफरी था और दिल्ली की ही उसकी विरोधी थी. हमारी बेटी को ट्रायल में निकाला जा चुका है. जबकि ये गलत हैं जहां की खिलाड़ी होती है वहां का रेफरी नहीं होता. मेरी बेटी इस घटना के उपरांत गुस्से में थी और बहुत निराश भी थी. इसलिए गुस्से में आकर उनसे सांसद पर इल्जाम लगा दिए हैं.
इस मामले में एक और नया खुलासा गुरुवार को हुआ. इंटरनेशनल रेफरी जगबीर सिंह ने बोला है कि 2013 के उपरांत बृजभूषण शरण सिंह को कई बार गलत रवैया दिखा. जगबीर ने बोला है कि मैं 2007 से UWW का रेफरी हूं. इन खिलाड़ियों के जन्म से पहले से मैं रेफरिंग कर रहा हूं. बृजभूषण को भी मैं बहुत वर्ष पहले से जानता हूं. उन्होंने कहा कि लड़कियों के शिकायत दर्ज कराने तक कुछ नहीं कह सका. मुझे बुरा लगता था जब उसके व्यवहार से लड़कियां असहज महसूस करती थीं.
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