उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में प्रत्येक वर्ष शिप्रा नदी के किनारे गधों का अनोखा मेला लगता है। मेले को लगने में अभी 4 दिन शेष है। उससे पहले ही कारोबारी अपने गधे और खच्चरों को लेकर यहां पहुंच चुके हैं। इस मेले में गधे की खरीद का दाम उम्र के हिसाब से निर्धारित किया जाता है। गधों की उम्र उनके दांत देखकर निर्धारित की जाती है।
वही इस मेले में फिल्म अभिनेता शाहरुख, सलमान, आमिर आदि के नाम से गधों को बेचा जाता था। गधा बेचने आए कारोबारी मनोज प्रजापत ने बताया कि गधे के मेले में 15 - 20 हजार के गधे हैं, 25 हजार के खच्चर और घोड़े सभी उपस्थित हैं। 7 दिन तक लगने वाले इस मेले में दूर-दूर से गधे के मालिक अपने गधों को लेकर आते हैं तथा बेचते हैं। इस साल भी मेले में कई गधे और खच्चरों की बोली लगाई जा रही है। गधों की बिक्री के लिए आए कारोबारियों ने बताया कि आहिस्ता-आहिस्ता अब गधों की मांग कम होती जा रही है। इनकी जगह टेक्नोलॉजी ले रही है। अब अधिकतर भार उठाने के काम मशीनों के द्वारा ही कर लिया जाता है। इसलिए जहां इन मशीनों को जाने का रास्ता नहीं है तथा गालियां पतली हैं वहीं खच्चर से काम लिया जाता है।
हालांकि, कारोबारियों का कहना है कि लोगों को माल ढुलाई के लिए गधों को अवश्य खरीदना चाहिए। आधुनिक साधनों से ये काम करने में लागत अधिक होती है। वहीं इस काम में गधों के इस्तेमाल में लोगों को लागत ना के बराबर आएगी। फिलहाल, पहाड़ी प्रदेशों एवं दुर्गम स्थानों पर आवागमन और सामानों को ले आने तथा ले जाने में अब भी गधों का ही उपयोग किया जाता है। दरअसल इन स्थानों पर वाहनों का उपयोग करना बहुत मुश्किल होता है।
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