कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत को नमन

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गुड़गांव: "जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लम्बी नहीं" की सोच रखने वाला 23 साल का एक जांबाज़ नौजवान जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हो गया. कुंडू का पुरे सैन्य सम्मान के साथ कल रात दस बजे अंतिम संस्कार किया गया, जहाँ उनके परिवार के साथ-साथ सुदूर गाँव से भी लोग इस जांबाज़ शहीद को सलामी देने आए थे.

अपने 23 वें जन्मदिन से महज छह दिन पहले शहीद हुए कुंडू का पार्थिव शरीर डोर्नियर विमान से दिल्ली लाया गया. विमान के शाम करीब छह बजकर 20 मिनट पर पालम वायुसेना अड्डे पर पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री ने तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया.श्रद्धांजलि देने के बाद में उनका पार्थिव शरीर एक एंबुलेंस से गुड़गांव के पटौदी में उनके गांव रानसिका ले जाया गया. 

कुंडू की 52 वर्षीया माँ कहतीं हैं, कि "‘‘कपिल हमेशा कहता था कि जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए. वह मेरा बहादुर बेटा था और मुझे ऐसे बेटे की मां होने पर फख्र है जिसने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया. यदि मेरा एक और बेटा होता तो मैं उसे भी भारतीय सेना में भेजती".  कपिल के पिता उस वक़्त गुजर चुके थे जब उनकी उम्र मात्र 15 साल थी और अब उनकी माँ का एकमात्र सहारा भी चला गया.

सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक पाकिस्तान की इन कायराना करतूतों से भारत की माताओं की आंखें नम होती रहेंगी, क्या प्रशासन सिर्फ माल्यार्पण करने और श्रद्धांजलि देने के लिए है. क्यों हम पाकिस्तान का गिरेबान पकड़ कर उसे इस घिंनोनी हरकत की सज़ा नहीं दे सकते.    

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