नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर जारी बातचीत टूट गई है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में शीर्ष स्तर पर सीटों को लेकर बातचीत टूट गई है. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव 100 सीटों से आगे बढ़ने को तैयार नहीं थे जबकि कांग्रेस 110 सीटें मांग रही थी.
कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद बातचीत कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक जब मुलायम सिंह से अखिलेश का झगड़ा चल रहा था और लग रहा था कि दोनों गुट अलग लड़ेंगे तब सपा 140 सीटें देने के लिए तैयार थी. बाद में सपा ने 121 सीटों की पेशकश की लेकिन आज की स्थिति में सपा 100 से अधिक सीटें देना चाहती है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कल कहा था कि कांग्रेस को 2012 के विधानसभा चुनाव में 54 सीटों पर समाजवादी पार्टी से ज्यादा वोट मिले थे. लिहाजा वे गंठबंधन में 54 सीटों को ही हकदार हैं. पार्टी ने उन्हें 25-30 सीटें और ज्यादा दे सकती है.
समाजवादी पार्टी का सिंबल अखिलेश को मिलने से उनकी पोजिशन बहुत मजबूत हुई है. उसके पहले ही पार्टी के ज्यादातर लोग उनके गुट में आ गए थे लेकिन सिंबल फ्रीज होने का डर था. और समझा जा रहा था कि ऐसी हालत में अखिलेश और मुलायम गुट अलग-अलग सिंबल पर आमने सामने चुनाव लड़ेंगे.
ऐसे में मुस्लिम वोट के बंटवारे का अंदेशा था जिससे अखिलेश की हालत कमजोर थी. लेकिन अब पार्टी का नाम, सिंबल, झंडा सब अखिलेश के साथ है और मुलायम चुनाव आयोग में लड़ाई हारने के बाद अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने का इरादा छोड़ चुके हैं. ऐसे में अखिलेश मजबूत हुए हैं और कांगेस से सख्त सौदेबाजी कर रहे हैं.
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