लखनऊ: देश के सबसे बड़े सूबे यानी उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। आप सभी को बता दें कि मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की आयु में निधन हुआ है। जी दरअसल गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज (10 अक्टूबर) सुबह 8:16 बजे उन्होंने आखिरी सांसें लीं। इस बारे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निधन की पुष्टि करते हुए कहा, ''मेरे आदरणीय पिजा जी और सबके नेता जी नहीं रहे।'' आप सभी को बता दें कि मुलायम सिंह यादव को 22 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था और 1 अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, जहां एक डॉक्टरो का पैनल उनका इलाज कर रहा था।
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अगर उनके राजनीतिक करियर के बारे में बात करें तो वह साढ़े पांच दशक लंबा रहा। मुलायम सिंह यादव कांग्रेस विरोधी राजनीति की सोच के साथ सियासी अखाड़े में कूदे और राम मनोहर लोहिया के साथ समाजवाद की राह पकड़ ली। जी हाँ और मुलायम सिंह यादव ने चौधरी चरण सिंह के सहारे सियासी बुलंदी हासिल की। पहलवानी से राजनीति में आए मुलायम अपने दौर की राजनीति के मजबूत 'पहलवान' रहे। आपको यह भी बता दें कि मुलायम आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और अब समाजवादी पार्टी को उनके बेटे अखिलेश यादव संभाल रहे हैं।
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वहीं साल 1995 में मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने के बाद मुलायम का कद सियासत में गिरा नहीं बल्कि वे और बड़े बनकर खड़े हुए। जी हाँ और साल 1996 में वे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए। जब केंद्र में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो मुलायम किंगेमकर बने। वहीं तीसरे मोर्चे की सरकार में रक्षा मंत्री बने और अपनी पार्टी के कई नेताओं को केंद्र में मंत्री बनवाया। हालांकि उनका कार्यकाल लंबा नहीं रहा।
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