नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी अपने अंर्तकलह से जूझ रही है। पार्टी की अंदरूनी कलह के कारण अब यह पार्टी अपनी टूट की कगार पर दिखाई दे रही है। पहले से ही पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच विवाद के चलते पार्टी में काफी समस्याएं चल रही हैं, वहीं अब पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव भी पार्टी से अलग हो रहे हैं।
खबरों के अनुसार, शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन कर लिया है। माना जा रहा है कि वह आज समाजवादी पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि शिवपाल पार्टी से खुश नहीं हैं। इसलिए वह पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल, मंगलवार को शिवपाल यादव ने पार्टी से अलग होने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि पार्टी में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिल रही है। अब यह उनसे सहन नहीं होता। आज उन्होंने ट्वीट कर नया मोर्चा गठित करने की जानकारी दी। शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी से जो लोग नाराज हैं, जिन्हें पार्टी की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है, वह लोग इस मार्चे से जुड़ सकते हैं।
सपा को होगा नुकसान
शिवपाल यादव द्वारा नया मोर्चा बनने के बाद माना जा रहा है कि अब आगामी लोकसभा चुनाव में सपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम जगह रखते हैं। अब जब उन्होंने अलग मोर्चे का गठन कर लिया है, तो सपा की यह टूट सपा के लिए नुकसानदायक साबित होगी, क्योंकि सपा को शिखर तक पहुंचाने में शिवपाल का हाथ रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी के कई अन्य बड़े नेता मोर्चे से जुड़ सकते हैं, जो सपा के वोट बैंक को काटने का काम करेंगे।
अखिलेश की मुसीबतें बढ़ेंगी
शिवपाल यादव के पार्टी से अलग होते ही अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। एक ओर तो अखिलेश सरकारी आवास में तोड़—फोड़ के मामले में फंसे हुए हैं। वहीं उनके पूर्व सहयोगी अमर सिंह ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। अब शिवपाल भी अखिलेश से अलग हो गए हैं, तो पूर्व मुख्यमंत्री को इन सभी मुसीबतों से अकेले ही निपटना होगा, जो उनके लिए मुश्किल भरा साबित होगा।
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