साउथ फिल्म इंडस्ट्री पहले से कहीं अधिक थ्रिलर फिल्म देख रहा है. वही तापसे पन्नू के गेम ओवर से शुरू होकर राघव लॉरेंस की कंचना, फ्रैंचाइज़ी और अरनमई फ्रैंचाइज़ी, जैसी इन दिनों कई हॉरर-थ्रिलर फ़िल्में आ रही हैं. और हम इन सभी को देखने में मदद नहीं कर सकते हैं. हालांकि अश्विन सरवनन द्वारा निर्देशित नयनतारा की मैया और पवन कुमार की यू-टर्न अभिनीत सामंथा अक्किनेनी समीक्षकों द्वारा पसंद की गई. दोनों ही फिल्में हॉरर शैली की थीं, तथा इन दोनों को दर्शकों ने खूब सराहा है.
यू-टर्न एक प्रेतवाधित सड़क की कहानी के बारे में था, और जो लोग उस विशेष सड़क पर यातायात नियम का पालन नहीं करते हैं वे कैसे रहस्यमय तरीके से मर रहे हैं. यह एक पत्रकार की भूमिका निभाने वाली सामंथा अक्किनेनी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो रहस्यों को जानने की कोशिश करती है. केवल यह पता लगाने के लिए कि वे सभी एक माँ और उसके बच्चे की भावना से मारे गए थे, क्योंकि वे दोनों एक दुर्घटना में एक ही सड़क पर मारे गए थे.
वही फिल्म उनकी सीट के एक छोर पर ले जाती और इसमें हर दृश्य में कील-मुंहासे और घुमाव होते. दूसरी ओर, नयनतारा की माया एक महिला की आत्मा की कहानी थी, जिसका नाम माया था. माया और उसके बच्चे को उनके रिश्तेदारों द्वारा अलग कर दिया गया था, जिन्होंने दावा किया था कि माया मानसिक रूप से बीमार थी. उसे एक भयानक जंगल के अंदर स्थित एक मानसिक आश्रय में फेंक दिया गया था. माया निराशा के लिए प्रेरित हो जाती है, भले ही वह शुरुआत में पूरी तरह से समझदार थी. उस पर चिकित्सीय प्रयोग किए गए जिसने अंततः उसे मार डाला. इसी के साथ दोनों ही फ़िल्में बेहद शानदार है.
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