लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल जिले संभल में एक पुराना बंद मंदिर मिलने की घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है। शनिवार को मुस्लिम बहुल इलाके में बिजली चोरी की जांच के दौरान इस शिव और हनुमान मंदिर के बारे में पता चला। स्थानीय लोगों ने बताया कि ये मंदिर 1978 से बंद है और किसी पुजारी ने यहाँ रहने की हिम्मत नहीं की, लगभग 18 से 20 हिन्दू परिवार यहाँ से पलायन कर गए।
#संभल : 1978 के बाद से बंद पड़े एक पुराने मंदिर को पुलिस द्वारा खोला गया। पहले इस मंदिर में एक पुजारी रहते थे, लेकिन उन्होंने मंदिर और मोहल्ला छोड़ दिया था। पुजारी का कहना था कि किसी की हिम्मत नहीं होती थी मंदिर में पूजा-पाठ और आरती करने की। पुजारी ने अपना मकान बेचकर मंदिर में… pic.twitter.com/YHCApuGVzz
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) December 14, 2024
जब कल पुलिस ने इसे खोला, तब जाकर 48 सालों बाद मंदिर में आज सुबह पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ, जिसमें हिंदू संगठनों के लोग पहुंचे और विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजा संपन्न कर आरती की गई। इस मंदिर का पता तब चला जब बिजली विभाग की टीम इलाके में बिजली चोरी की जांच कर रही थी। इसी दौरान दीपा राय क्षेत्र में एक मंदिर मिला, जिसे 1978 में पता नहीं किस कारण से बंद कर दिया गया था। कुछ स्थानीय लोग, इलाके में इस्लामी आबादी बढ़ने को इसका कारण बताते हैं, जहाँ पर कट्टरपंथ बढ़ने के कारण हिन्दू वहां से पलायन कर गए। हाल ही में पुलिस को यहाँ से बड़े पैमाने पर मस्जिदों और घरों में बिजली चोरी की शिकायतें मिली थी, पुलिस ने ऐसी वारदातें पकड़ी भी थीं। लेकिन इसी जांच के दौरान, यह मंदिर मिलने की खबर से प्रशासन भी हैरान रह गया।
मंदिर सपा सांसद जियाउररहमान बर्क के घर से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है, कई सालों से बंद पड़ा था। मंदिर के अंदर भगवान हनुमान, शिवलिंग और नंदी की मूर्तियां स्थापित हैं। क्षेत्र के डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया है। सपा सांसद जियाउररहमान बर्क के दादा शफीकुर रहमान बर्क भी इसी इलाके से कई सालों तक सांसद रहे हैं, तो क्या ये माना जा सकता है कि, उन्हें इस बंद पड़े मंदिर के बारे में पता ही ना हो? या फिर उन्होंने इस्लामी विचारधारा के तहत इसे खुलवाना उचित नहीं समझा? क्योंकि इस्लाम में मूर्ति पूजा को पाप माना जाता है, यही वजह है कि गजनी-गौरी से लेकर औरंगज़ेब तक, जितने भी आक्रांता आए, उन्होंने मंदिर और मूर्तियों को तोड़ा।
ये कोई औरंगजेब ने नही करवाया, 1978 में संभल में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ गयी और हिंदुओं का एक और मन्दिर बंद हो गया। जो आज बिजली विभाग के चोरों की तलाश के दौरान मिला। पता नही इन्हें अपने कृत्यों पर शर्म आयेगी या नहीं!! किस मुँह से भाईचारा शब्द ये बोलते हैं? #Sambhal @Uppolice pic.twitter.com/4efpbLWhA6
— Naval Kant Sinha | नवल कान्त सिन्हा (@navalkant) December 14, 2024
रिपोर्ट के अनुसार, संभल के सीओ अनुज चौधरी ने बताया है कि यह मंदिर 1978 के हिन्दू-मुस्लिम दंगों से पहले भी यहीं था। दंगे के बाद इलाके से कई हिंदू परिवार पलायन हो गया था। आखिरी हिंदू परिवार 2012 में इस इलाके को छोड़कर चला गया। खुदाई के दौरान मंदिर के पास एक प्राचीन कुआं भी मिला है, जिसे ढका गया था। प्रशासन ने मंदिर की सफाई करा दी है और अवैध कब्जों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
स्थानीय मुस्लिम लोगों ने भी माना है कि, पहले इस इलाके में कई हिंदू परिवार रहते थे, जो मंदिर में पूजा-पाठ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे वे परिवार यहां से चले गए। हालाँकि, उनका दावा है कि, हिन्दुओं ने अपनी मर्जी से घर-बार छोड़ा, लेकिन कोई ऐसा क्यों करेगा ? मोहम्मद सलमान और शरीक नाम के दो स्थानीय युवकों ने कहा कि हिंदू परिवार किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से चले गए थे।
एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र ने पुष्टि की कि कुछ लोगों ने मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने भी कहा कि मंदिर के आसपास हुए अतिक्रमण को पूरी तरह से जमींदोज़ किया जाएगा।
शनिवार सुबह इलाके में डीएम, एसपी, एएसपी और बिजली विभाग की टीमें एक बड़े अभियान पर निकली थीं। इस दौरान सैकड़ों घरों से बिजली चोरी के उपकरण बरामद हुए, जिनमें हीटर और पानी गर्म करने वाली रॉड शामिल थीं। इसी अभियान के दौरान जांच में इस मंदिर का पता चला। संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान निरंतर चलाया जा रहा है। पिछले दो महीनों में संभल और चंदौली में कई स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। यह घटना इलाके में धार्मिक और प्रशासनिक चर्चा का केंद्र बन गई है, जहां मंदिर की देखरेख और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।