नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और NCP के मंत्री नवाब मलिक के बीच शुरू हुई बहस आज तक बरकरार है। दोनों ही एक-दूजे पर हावी है और दोनों के बीच की जंग अब कोर्ट तक पहुचं चुकी है। जी दरअसल नकली सर्टीफिकेट बनाकर नौकरी पाने वाले आरोप की सफाई देते हुए वानखेड़े ने हाल ही में कोर्ट में अपना बर्थ सर्टिफिकेट पेश किया है। इस बर्थ सर्टिफिकेट में उनका नाम समीर ज्ञानदेव वानखेडे दर्ज है।
समीर वानखेडे का कहना है उनकी माता जी मुस्लिम थी इस वजह से शुरूआती दिनों में स्कूल में उन्होंने अपने बेटे का धर्म मुस्लिम लिखवाया था, लेकिन प्राइमरी के बाद उनके पिताजी ने तहसील ऑफिस से लेकर BMC तक इसका सुधार करवाया। उसके डॉक्यूमेंट भी समीर वानखेड़े ने कोर्ट को दिए हैं। कहा जा रहा है डॉक्यूमेंट में वडाला के उस स्कूल का भी लीविंग सर्टिफिकेट शामिल है जिसमे उन्हें मल्हार जाती यानी SC का बताया गया है और पिता का नाम ज्ञानदेव लिखा गया है। समीर वानखेड़े का कहना है उस वक्त तो वो खुद नाबालिग थे और इसी के चलते डॉक्यूमेंट्स में उनकी कोई भूमिका नहीं हो सकती थी।
क्या है नवाब मलिक का आरोप- जी दरअसल महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी पाने का आरोप लगाया है। इसी मामले में आज उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने ट्विटर पर साझा किए सर्टिफिकेट को वानखेड़े का असली बर्थ सर्टिफिकेट बताया था। अब तक नवाब मलिक कई चौकाने वाले खुलासे कर चुके हैं वहीं दूसरी तरफ समीर वानखेड़े भी जवाब देने में पीछे नहीं रहे हैं।
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