उत्तरप्रदेश : गोरखपुर बीआरडी हॉस्पिटल में 30 बच्चो की मौत और पुरे प्रदेश में अभी तक 70 मासूमो की मौत के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है. इस घटना के सामने आने के बाद सूबे की योगी सरकार निशाने पार आ गई है. विपक्षी दाल राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है तो वही प्रदेश के सीएम जवाबदारी लेने से बचते नज़र आ रहे है.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में इस घटना को लेकर योगी सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला है. सामना के एडिटोरियल में इस घटना को 'सामूहिक बालहत्या' करार दिया है. सामना ने लिखा है, "उत्तर प्रदेश का बाल हत्या तांडव- स्वतंत्रता दिवस का अपमान है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर अस्पताल में 70 बच्चों की मौत को 'सामूहिक बालहत्या' ही कहेंगे, यह गरीबों की बदकिस्मती है. गरीबों का दुख, उनकी वेदना और उनकी 'मन की बात ' को समझने के बजाए, उनकी वेदनाओं की खिल्ली उड़ाई जा रही है. जो हुआ है... उसके लिए जिम्मेदार कौन है."
लेख में मोदी सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए लिखा है, "केंद्र में सत्ता परिवर्तन होने के बावजूद, आज भी सरकारी अस्पतालों में गरीब और ग्रामीण लोगों के लिए 'अच्छे दिन' नहीं आए हैं." साथ ही योगी कैबिनेट के हेल्थ मिनिस्टर को निशाने पर लेते हुए लिखा गया है, "उत्तर प्रदेश के आरोग्य मंत्री का कहना है कि अगस्त के महीने में बच्चे मरते ही हैं. तो हमारा सवाल है कि... अगस्त के महीने में सिर्फ गरीबों के बच्चे ही क्यों मरते हैं- क्यों अमीरों के बच्चों के साथ ऐसा नहीं होता."
सामना ने दिल दहला देने वाली घटना को स्वतंत्रता की विफलता करार दिया है. उसने लिखा है, "गरीबों का दुख और उनकी वेदना राजनेताओं को झंझोड़ती नहीं है... यही हमारे स्वतंत्रता की विफलता है."
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