मुंबई: पांडिचेरी विवि में एनुअल फंक्शन के चलते रामायण के पात्रों के चरित्र को आपत्तिजनक तरीके से पेश किए जाने का विवाद अभी थमा नहीं कि अब IIT बॉम्बे में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है। यहाँ रामायण पर खेले जा रहे नाटक के चलते हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाने की घटना सामने आई है। सोशल मीडिया पर इसके कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। दरअसल, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित IIT बॉम्बे में कल्चरल फेस्ट का आयोजन किया गया था। 31 मार्च को ‘परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल’ हुआ। ये रामायण पर आधारित था तथा इसमें प्रभु श्री राम की ही आलोचना की गई।
‘राहोवन’ नाम के इस नाटक में नारीवादी मुद्दों के नाम पर प्रभु श्री राम की भूमिका से ही छेड़छाड़ की गई। पात्रों के नामों में हल्का परिवर्तन किया गया था। इसमें सीता बोलरी है, “स्वामी, ऐसी अवस्था में ये अकेली सुहागन अपना हृदय सँभाल किसके साथ करे?” इस पर सामने से राम का पात्र बोलता है, “खोल”। ‘क्या’ का वो जवाब देता है – ‘संकोच’। एक अन्य दृश्य में राम से कहलवाया गया है, “तू किसी दूसरे कबीले में जा किसी दूसरे मर्द के यहाँ रह आई, इसीलिए ये कबीला तेरा स्वीकार वापस नहीं करेगा।” इस पर सीता बोलती है, “दूसरा मर्द, अरे बंदी थी मैं वहाँ?” इस पर राम आरोप लगाते हैं कि सीता ने कबीले की सीमा लाँघी, रेखा का उल्लंघन किया।
Video from IIT Bombay-
— Desidudewithsign (@Nikhilsingh21_) April 6, 2024
In cultural event called PAF (Performing Arts Festival) a play called Raahovan was organised.
This play was loosely based on Ramayana and they changed the names a little bit and in the name of making Ramayana Woke and Feminist they did this. #iitbombay pic.twitter.com/0Wwimkr8jm
राम से कहलवाया गया है, “तू कुछ नहीं कहेगी, सिर्फ मेरी सुनेगी।” फिर सीता बोलती हैं, “मर्द होने निकला था तू, इंसान बनना भूल गया।” इस पर राम बोलते हैं, “अब एक औरत समझाएगी मुझे कि मर्द बनना क्या होता है?” एक दृश्य में सीता बोलती है, “एक अलग दुनिया है वहाँ। और अच्छा हुआ, अघोरा (रावण) मुझे वहाँ लेकर गया।” आगे सीता बोलती हैं, “वहाँ की औरतों को अच्छी प्रतिष्ठा मिलती है। उसने मुझसे स्वयं बोला कि मेरी अनुमति के बिना मुझे छुएगा भी नहीं। उसमें मुझे ऐसा मर्द दिखा जो मुझे इस कबीले में नहीं नजर आया। तुमलोग जश्न मना रहे थे न कि दानव को मार दिया। असली दानव तो आपने आज तक मारा ही नहीं है।” रामायण पर नाटक के नाम पर आजकल हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का एक ट्रेंड सा आया हुआ है। इसमें पौराणिक पात्रों से कुछ भी कहलवा दिया जाता है।
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