चेन्नई: तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने मंगलवार (12 सितंबर) को उन लोगों पर हमला बोला, जिन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन के नफरत भरे भाषण का समर्थन करते हुए दक्षिणी राज्यों में दावा किया था कि हिंदू धर्म, सनातन धर्म से अलग है। सनातन धर्म के प्रति नफरत को लेकर तमिलनाडु की' सत्ताधारी DMK के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए, अन्नामलाई ने तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी नैतिकता और भारतीय संस्कृति पर 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक की एक तस्वीर साझा की।
Thiru Udhayanidhi Stalin & Thiru Sekar Babu claimed that Hinduism & Sanatana Dharma are different after receiving condemnation from all quarters for their call to eradicate Sanatana Dharma.
— K.Annamalai (@annamalai_k) September 12, 2023
The Class 12 textbook released by TN Govt says that Sanatana Dharma & Hinduism are the… pic.twitter.com/cbVGDixJMg
तमिलनाडु के विमर्श में हिंदू धर्म और सनातन धर्म के अलग-अलग होने के कमजोर बहाने को उजागर करने के बाद, अन्नामलाई ने उदयनिधि स्टालिन सहित डीएमके नेताओं को कुछ ज्ञान प्राप्त करने के लिए 12वीं कक्षा में दाखिला लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि, 'सनातन धर्म को खत्म करने के अपने आह्वान के लिए हर तरफ से निंदा मिलने के बाद उदयनिधि स्टालिन और शेखर बाबू ने दावा किया कि हिंदू धर्म और सनातन धर्म अलग-अलग हैं। तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी कक्षा 12 की पाठ्यपुस्तक में कहा गया है कि सनातन धर्म और हिंदू धर्म एक ही हैं। इसमें यह भी उल्लेख है कि सनातन धर्म शाश्वत धर्म है।'
अन्नामलाई ने कहा कि, "हम पीके शेखर बाबू और उदयनिधि स्टालिन को प्रबुद्ध होने के लिए इस कक्षा (12वीं) में दाखिला लेने की सलाह देते हैं।" बता दें कि पी।के। शेखरबाबू हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई) के मंत्री हैं। पोस्ट में संलग्न चित्र पुस्तक के एक अंश पर प्रकाश डालता है, जिसमे 'हिन्दू' शब्द का अर्थ समझाया गया है। हिंदू कौन हैं और 'हिंदू धर्म' क्या है, यह समझाते हुए पुस्तक कहती है कि, ''यदि किसी भी कारण से किसी जीवित प्राणी को कष्ट हो रहा है, तो वह हिंदू ही है, जो उस दुख को अपना दुख मानता है और उसे दूर करने के लिए आगे आता है। हिंदू धर्म सदाचारी लोगों वाला धर्म है। इसे हिंदू धर्म, सनातन धर्म और वेदों के धर्म जैसे विभिन्न नामों से बुलाया जाता है।''
திமுகவின் கபட நாடகம் இறுதிக் கட்டத்தை எட்டியுள்ளது.
— K.Annamalai (@annamalai_k) September 12, 2023
திமுகவின் வெறுப்பு அரசியல் தமிழகத்தில் இனி எடுபடாது. pic.twitter.com/pruD4dfbcQ
अन्नामलाई की पोस्ट तमिलनाडु कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम और अन्य लोगों के दावों के मद्देनजर आई है, जिन्होंने 'बेतुका' तर्क दिया था कि सनातन धर्म दक्षिणी प्रवचन में हिंदू धर्म से अलग है। कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा था कि 'वह खुद एक हिंदू हैं और उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को खत्म करने टिप्पणी में कुछ भी गलत नहीं पाते हैं। कार्ति ने दावा किया कि दक्षिणी भाषा में सनातन धर्म का मतलब केवल जाति भेदभाव और जाति पदानुक्रम है। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, जातिवाद ख़त्म करने की बात कई नेता बोलते हैं, यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जातिवाद को खत्म करने की अपील कर चुके हैं, लेकिन उसका कोई विरोध नहीं करता है। किन्तु, उदयनिधि ने 'जातिवाद' नहीं, बल्कि पूरे सनातन धर्म को ही ख़त्म करने की बात कही है और कार्ति चिदंबरम, लक्ष्मी रामचंद्रन, प्रियांक खड़गे जैसे कांग्रेस नेता उनका समर्थन कर रहे हैं।
एक अन्य पोस्ट में, 4 पेज लंबी प्रतिक्रिया में, के अन्नामलाई ने देश के समृद्ध सभ्यतागत इतिहास पर प्रकाश डाला और कहा कि DMK सनातन धर्म (हिंदू धर्म) को खत्म करके इस पर हमला करना चाहता है। बाद में, उन्होंने जोर देकर कहा कि मानव संसाधन और सीई मंत्री शेखर बाबू ने एक बैठक में भाग लेकर मंत्री पद पर बने रहने का अपना नैतिक अधिकार खो दिया है, जहां उन्होंने कहा था, "आइए हिंदू धर्म को खत्म करें।"
नोट में, अन्नामलाई ने आगे बताया कि द्रविड़ कड़गम के अध्यक्ष श्री वीरमणि भी 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' में मौजूद थे, जहां मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि हम सनातन धर्म को खत्म कर देंगे। उसी बैठक में वीरमणि ने कहा था कि सनातन धर्म और हिंदू धर्म एक ही हैं। अन्नामलाई ने जोर देकर कहा कि, 'सनातन धर्म का अर्थ है कि सनातन धर्म, हिंदू धर्म के दर्शन में सभी जीवित प्राणी समान हैं। तिरुक्कुरल समेत सभी भक्ति साहित्य यही कहते हैं।' इससे पहले दिन में, अन्नामलाई ने हिंदू धर्म को भारत और दुनिया के लिए खतरा बताने के लिए DMK सांसद ए राजा की भी आलोचना की।
DMK MP A Raja calls Hindu Religion a menace to India & the world.
— K.Annamalai (@annamalai_k) September 12, 2023
DMK is the principal reason for creating caste divide & hatred in TN, and the DMK MP has the audacity to blame Sanatana Dharma for the mess they made. pic.twitter.com/fqWO9FiQqY
उन्होंने जोर देकर कहा कि DMK तमिलनाडु में जाति विभाजन और नफरत पैदा करने का प्रमुख कारण है, फिर भी DMK सांसद में उनके द्वारा की गई गड़बड़ी के लिए सनातन धर्म को दोषी ठहराने का साहस है। उदयनिधि स्टालिन के नफरत भरे भाषण के बाद, अन्नामलाई सनातन धर्म के खिलाफ बार-बार हो रहे हमलों को लेकर DMK पर आड़े हाथों ले रहे हैं। इससे पहले उन्होंने DMK को आगामी चुनाव सनातन धर्म के मुद्दे पर लड़ने की चुनौती दी थी।
हालाँकि, उदयनिधि के बयान पर गौर करें, तो एक प्रमुख सवाल यह भी उठता है कि, यदि किसी दूसरे धर्म को खत्म करने की बात कही गई होती, तो क्या यही होता, जो उदयनिधि वाले मामले में हो रहा है ? क्योंकि, जातिवाद तो हर धर्म में है, इस्लाम में भी 72 फिरके हैं, जिनमे से कई एक-दूसरे के विरोधी हैं, तो वहीं ईसाईयों में प्रोटेस्टेंट- केथलिक, पेंटिकोस्टल, यहोवा साक्षी में विरोध है। तो क्या समाज सुधारने के लिए उदयनिधि, इन धर्मों को पूरी तरह ख़त्म करने की बात कह सकते हैं ? या फिर दुनिया में एकमात्र धर्म जो वसुधैव कुटुंबकम (पूरा विश्व एक परिवार है), सर्वे भवन्तु सुखिनः (सभी सुखी रहें) जैसे सिद्धांतों पर चलता है, जो यह मानता है कि, ईश्वर एक है और सभी लोग उसे भिन्न-भिन्न रूप में पूजते हैं, उस सनातन को ही निशाना बनाएँगे ?
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