प्रयागराज: संगमनगरी प्रयागराज, भारत की आध्यात्मिक विरासत का अद्भुत केंद्र, इन दिनों सनातन धर्म और हिंदू एकता के नए संदेशों का केंद्र बन गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रयागराज में आगामी महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस महाकुंभ को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को देशभर के संतों और धार्मिक नेताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
संगम के किनारे और आसपास लगाए गए विशाल होर्डिंग्स और पोस्टर्स श्रद्धालुओं को सनातन धर्म के महत्व और हिंदू एकता का संदेश दे रहे हैं। नानीज धाम दक्षिण पीठ के जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य द्वारा लगाए गए एक पोस्टर में लिखा गया है, “सनातन सात्विक है, पर कायर नहीं।” यह संदेश न केवल सनातन धर्म की सहिष्णुता को रेखांकित करता है, बल्कि उसकी शक्ति और एकता पर भी जोर देता है।
उल्लेखनीय है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे, "बटेंगे तो कटेंगे," को संत समुदाय और आम जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है। अयोध्या धाम के प्रमुख संत और श्री राम वैदेही मंदिर के मुख्य पुजारी, स्वामी दिलीप दास त्यागी महाराज ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक समर्पित और दृढ़ नेता बताया है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पहली बार इतनी भव्यता और समर्पण के साथ महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। त्यागी महाराज ने मुख्यमंत्री के प्रयागराज में बार-बार आने और व्यवस्थाओं की खुद निगरानी करने को उनकी गहरी प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया।
महाकुंभ 2025 को अद्वितीय बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं। इस आयोजन में न केवल धार्मिक आयोजनों को महत्व दिया जा रहा है, बल्कि संत समुदाय के साथ मिलकर समाज को एकजुट रहने और मिल-जुलकर रहने का संदेश देने पर भी जोर दिया जा रहा है।
दक्षिण पीठ से लेकर अयोध्या धाम तक के संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “युग पुरुष” की उपाधि दी है। इन संतों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म के मूल्यों को आधुनिक समय में फिर से जीवित किया है। पोस्टर्स और नारों के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि सनातन धर्म सहिष्णु और शांतिप्रिय है, लेकिन इसे कमजोर समझने की भूल न की जाए।
महाकुंभ में शामिल होने वाले लाखों श्रद्धालु इस आयोजन के दौरान हिंदू एकता और सनातन मूल्यों के प्रति समर्पण के इन संदेशों को आत्मसात करेंगे। संत समाज ने यह स्पष्ट किया है कि इस महाकुंभ के माध्यम से समाज को एकजुटता, सद्भाव और सहयोग का संदेश दिया जाएगा। महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी एक ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक शक्ति और एकता का प्रतीक बनेगा।