आज फटाफट क्रिकेट का दौर है और रन बन नहीं रहे है बह रहे है. वन डे में 400 प्लस और T20 में 250 रन बनना अब ताज्जुब नहीं रहा मगर एक दौर था जब 50 ओवर में 160-180 रन जीत की ग्यारंटी हो जाते थे. उस दौरे में एक खिलाडी के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था वो सिर्फ पहले 15 ओवर में ही मैच का फैसला करने के इरादे से पिच पर आया और उसने खेल के तौर तरीके बदल डाले. नाम सनथ जयसूर्या और काम श्रीलंका के लिए बाये हाथ से मैदान के हर कोने में धुआंधार तरीके से रन बनाना. सनथ ने क्रिकेट की दुनिया को उस दौर में चौथे गियर में खड़ा कर दिया था जब गेंदबाजों का बोलबाला था और पहले 15 ओवर में रोमेश कालूवितर्णा के साथ वो शरुआत करने की आदत डाल ली की उस आंधी में दुनिया की तमाम टीम उड़ गई और 1996 के वर्ल्ड कप जयसूर्या के इसी अंदाज की देन श्रीलका की झोली में गया.
उस दौर में सिर्फ और सिर्फ जयसूर्या ने क्रिकेट की बादशाहत को जिया. वर्ल्ड कप में जयसूर्या ने 467 रन बना दिए जो उस दौर में एक साल में बना लिये जाने पर भी काफी से ज्यादा कहे जाते थे. महान बल्लेबाज सनथ जयसूर्या 49 साल के हो गए. जयसूर्या ने ही दुनिया को पहली बार बताया की रन इस अंदाज से भी बनाये जा सकते है .ताबड़तोड़ और बेखौफ बल्लेबाजी के जनक अगर उन्हें कह दिया जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. जयसूर्या ने कई यादगार पारियां खेली हैं.
1996 वर्ल्ड कप के क्वॉर्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ 44 गेंदों में 82 रन बनाकर उस वक़्त दर्शको को T20 दिखाया जब इस फॉर्मेट का जन्म खयालो में भी नहीं था. 1996 में ही सिंगापुर में सिंगर कप में पाकिस्तान को 65 गेंदों में 134 रन और दो दिन बाद ही 17 गेंदों में 50 का कीर्तिमान कई सालों तक कायम रहा. दिसंबर 1989 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे इंटरनैशनल में डेब्यू के बाद 445 ओडीआई में 13430 रन और 400 ओडीआई खेलने वाले पहले खिलाड़ी जयसूर्या ही है. गेंदबाजी में भी वे बराबर का दखल रखते थे और हर कप्तान के लिए तुरुप का इक्का साबित होते थे..जयसूर्या के नाम वनडे में 323 विकेट दर्ज हैं. 110 टेस्ट मैचों में उन्होंने 6973 रन बनाए और 98 विकेट भी लिए है. जयसूर्या वो बेमिसाल खिलाड़ी है जिसने खेल के रोमांच को अपने दम पर एक नई उचाईयों पर पहुंचा दिया.
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