नई दिल्लीः देश की दिग्गज टेनिस महिला खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के साथ उनकी पत्नियों को जाना जरूरी बताया है। उन्होंने क्रिकेट दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों को साथ जाने की अनुमति नहीं देने की निंदा की है। सानिया ने इसे वह मानसिकता बताया है जिसमे महिलाओं को ताकत नहीं बल्कि ध्यानभंग करने वाली माना जाता है। उन्होंने भारतीय आर्थिक मंच पर कहा कि लड़कियों को छोटी उम्र से ही खेलों में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
सानिया ने कहा, ‘कई बार हमारी क्रिकेट टीम और कई अन्य टीमों में, मैंने देखा है कि पत्नियां या महिला मित्रों को दौरे पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती क्योंकि लड़कों का ध्यान भंग हो जायेगा। उन्होंने कहा इसका क्या मतलब है? महिलायें ऐसा क्या करती हैं कि उससे पुरुषों का ध्यान इतना भंग हो जाता है? ’ उन्होंने कहा, ‘देखिए यह चीज उस गहरी मानसिकता से आती है जिसमें माना जाता है कि महिलायें ताकत नहीं बल्कि ध्यान भंग करती हैं।
सानिया ने कहा कि यह साबित भी हो चुका है कि टीम में पुरुष खिलाड़ी तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब उनकी पत्नियां और महिला मित्र और उनका परिवार उनके साथ रहता है क्योंकि इससे जब वे कमरे में आते हैं तो वे खुशी महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ‘वे (पुरुष खिलाड़ी) खाली कमरे में वापस नहीं आते, वे बाहर जा सकते हैं, डिनर कर सकते हैं. जब आपकी पत्नी या महिला मित्र आपके साथ होती हैं तो इससे आपको सहयोग मिलता है। उन्होंने अनुष्का शर्मा पर हो रहे हमले का भी बचाव किया।
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