नई दिल्लीः केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दशहरा के मौके पर राफेल का शस्त्र पूजन किया जाना देश में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। विपक्षी कांग्रेस ने इसको लेकर रक्षा मंत्री पर जमकर निशाना साधा। मगर इस मुद्दे पर पार्टी घर में ही घिरती नजर आ रही है। कांग्रेस द्वारा शस्त्र पूजा को 'ड्रामा' बताये जाने का विरोध पार्टी में ही शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम का कहना है कि शस्त्र पूजा को ड्रामा या तमाशा कहा जाना बिल्कुल गलत है। शस्त्र पूजा हमारे देश की पुरानी परंपराओं में से एक है।
दरअसल, समस्या यह है कि खड़गेजी नास्तिक हैं, उनका ईश्वर में विश्वास नहीं है, मगर कांग्रेस पार्टी में हर कोई नास्तिक नहीं है। मालूम हो कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संदीप दीक्षित ने फ्रांस में राफेल (Rafael) को रिसीव करने के क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर हमला बोला था। दोनों ने विजयदशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री द्वारा फ्रांस में राफेल की शस्त्र पूजा करने को तमाशा करार दिया। खड़गे ने कहा कि इस तरह का ड्रामा करने की कोई आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं थी।
इससे पहले जब हमने बोफोर्स डील की थी, तब कोई उसे खरीदने नहीं गया था। इसका हमने कोई दिखावा भी नहीं किया था। अब ये हमारे वायुसेना के अधिकारी बता सकते हैं कि यह ठीक हो रहा है या नहीं। विजयादशमी के दिन भारत ने दुनिया के सबसे मारक लड़ाकू जेट विमान राफेल को औपचारिक तौर पर हासिल कर लिया। राजनाथ सिंह ने फ्रांस में एक गरिमापूर्ण समारोह में इस बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित राफेल विमान को प्राप्त किया। इस दौरान दुनिया भर की लगी निगाहों के बीच पूजा के बाद राजनाथ सिंह ने राफेल में उड़ान भी भरी। रक्षामंत्री ने राफेल विमान का विधि विधान पूर्वक शस्त्र पूजन कर भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत में हो रहे इस इजाफे का शंखनाद किया। बता दें कि इसी साल लोकसभा चुनाव में राफेल बहुत बड़ा चुनावी मुद्दा बना था।
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