मुंबईः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत काफी गर्म हो चुकी है। राजनीतिक दलों के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। चुनाव में पुराने मुद्दों को भी हवा मिल रहा है। इस कड़ी मे एनसीपी नेता अजीत पवार का एक बयान राज्य में एक नया सियासी बवाल पैजा कर दिया है। शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि साल 2000 में बाल ठाकरे की गिरफ्तारी बहुत बड़ी गलती थी। उनके इस बयान को लपकते हुए शिवसेना ने तुरंत उन पर पलटवार कर दिया।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा यदि पवार मानते हैं कि उनसे गलती हुई तो वह इसके लिए माफी मांगे। संजय ने ट्विटर पर लिखा, "आपको इतने साल लगे यह समझने में कि बाला साहेब ठाकरे को गिरफ्तार करना गलती थी। आपके आंसू सच्चे हैं तो इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।" इससे पहले पवार ने शुक्रवार को कहा था कि कुछ एनसीपी नेताओं ने साल 2000 में बाला साहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने की मांग की थी, हालांकि उनके साथ कई नेताओं ने इसका विरोध किया था लेकिन फिर भी पार्टी को यह कदम उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा, यह एक गलती थी। बाला साहेब को कांग्रेस एनसीपी सरकार में शिवसेना मुखपत्र सामना के जरिए सांप्रदायिक घृणा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हाल ही में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी पिता बाला साहेब ठाकरे की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि महाराष्ट्र बदले और प्रतिशोध की राजनीति का समर्थन नहीं करता है। ठाकरे ने कहा कि उनेक पिता को भ्रष्टाचार या किसी अनियमितता के लिए नहीं बल्कि 1992-93 के दंगों में हिंदुओं को बचाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि राज्य में 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है जबकि 24 अक्टूबर को मतगणना होगी।
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