मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन को सियासी विरोधियों के खिलाफ उन्हें लड़ने से रोकने के लिए एक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह मंगलवार (28 जून 2022) को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश नहीं हो पाएँगे, क्योंकि उन्हें अलीबाग में एक मीटिंग में जाना है।
ED ने शिवसेना नेता को ये समन प्रवीण राउत और पात्रा चॉल भूमि घोटाले से संबंधित एक मामले में भेजा है। ED के समन के बाद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'ED ने समन भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़े सियासी घटनाक्रम चल रहे हैं। हम बाला साहेब के शिवसैनिक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने के लिए बड़ी साजिश है। यदि मेरा सिर भी कट जाए, तब भी मैं गुवाहाटी का रास्ता नहीं अपनाऊँगा।' इसके साथ ही उन्होंने लिखा था कि, 'मुझे अरेस्ट करो! जय हिन्द!' वहीं, मराठी भाषा में लिखे गए अपने ट्वीट में उन्होंने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी टैग किया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस HDIL ने ये दोनों जमीन घोटाले किए थे, उसके निदेशक प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं। प्रवीण राउत और सारंग को 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरेस्ट किया था। इसके बाद दोनों से पूछताछ में शिवसेना नेता संजय राउत का कनेक्शन सामने आया था। बता दें कि प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के मित्र हैं।
क्या है पात्रा चॉल मामला :-
बता दें कि, 5 अप्रैल, 2022 को पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में जांच एजेंसी ने शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क कर ली थी। इस कार्रवाई के तहत ED ने राउत के अलीबाग स्थित आठ प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया था। इसी मामले में जांच एजेंसी ने प्रवीण राउत से संबंधित करोड़ों की संपत्ति को भी कुर्क किया था। जांच एजेंसी ने 11 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। इसमें पालघर में प्रवीण राउत से संबंधित संपत्ति लगभग 9 करोड़ रुपए की है। जबकि 2 करोड़ की कीमत वाले दादर में फ्लैट और अलीबाग में प्लॉट शिवसेना सांसद की पत्नी का बताया जाता है।
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