संकष्टी चतुर्थी पर जरूर पढ़े यह व्रत कथा, देगी सारे सुख

संकष्टी चतुर्थी पर जरूर पढ़े यह व्रत कथा, देगी सारे सुख
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हर महीने आने वाली संकष्टी चतुर्थी इस बार यानी साल 2019 में 22 फरवरी यानी कल यानी शुक्रवार को मनाई जाने वाली है. ऐसे में कहते हैं संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण दिन है और यह दिन भगवान गणपति जी को समर्पित होता है. इस दिन उनका विधि-विधान से पूजन करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन कौन सी कथा को सुन्ना और पढ़ना चाहिए. आइए बताते हैं आपको वह व्रत कथा.

व्रत कथा - सत्ययुग में महाराज हरिश्चंद्र के नगर में एक कुम्हार रहता था. एक बार उसने बर्तन बनाकर आंवा लगाया, पर आवां पका ही नहीं. इस कारण इसके बर्तन कच्चे रह गए. बार-बार नुकसान होते देख उसने एक तांत्रिक से पूछा, तो उसने कहा कि बलि से ही तुम्हारा काम बनेगा. तब उसने तपस्वी ऋषि शर्मा की मृत्यु से बेसहारा हुए उनके पुत्र की सकट चौथ के दिन बलि दे दी. उस लड़के की माता ने उस दिन गणेश पूजा की थी. बहुत तलाशने पर जब पुत्र नहीं मिला, तो मां ने भगवान गणेश से प्रार्थना की.

सवेरे कुम्हार ने देखा कि वृद्धा का पुत्र तो जीवित था. डर कर कुम्हार ने राजा के सामने अपना पाप स्वीकार किया. राजा ने वृद्धा से इस चमत्कार का रहस्य पूछा, तो उसने गणेश पूजा के विषय में बताया. तब राजा ने सकट चौथ की महिमा को मानते हुए पूरे नगर में गणेश पूजा करने का आदेश दिया. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकट हारिणी माना जाता है.

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