वाराणसी: अमर भारती नाम के एक बुजुर्ग संत पिछले 50 वर्षों से एक अनोखा तप कर रहे हैं। योग विद्या में इसे 'हठयोग' कहा जाता है। बीते 5 दशकों से उन्होंने अपना एक हाथ हवा में उठा रखा है, जिसके चलते उनके दाहिने हाथ का मांस पूरी तरह सूख चुका है और केवल हड्डियों पर चमड़ी चढ़ी हुई दिखाई देती है। लेकिन, आपके मन में भी प्रश्न उठ रहा होगा कि, बुजुर्ग संत के इतना कठोर तप करने के पीछे आखिर उद्देश्य क्या है ?
ये संत अमर भारती हैं, पिछले 50 सालों से इन्होंने अपना एक हाथ ऊपर कर रखा है. ये एक बैंकर थे. इन्होंने परिवार को छोड़कर भगवान शिव का मार्ग चुना. अपना पूरा जीवन शंकर जी के लिए समर्पित कर दिया. इन्होंने अपना ये हाथ भी भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था को दिखाने के लिए खड़ा कर रखा है. pic.twitter.com/llCMFDtZ3T
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) May 27, 2023
बता दें कि, संत ने 1973 में यह प्रतिज्ञा ली थी और इसी स्थिति में वे कुंभ मेले सहित विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे हैं। वे इसका कारण बताते हुए कहते हैं कि, भगवान शिव शंकर भोलेनाथ के प्रति समर्पण और वैश्विक सद्भाव को बरकरार रखने के मिशन के रूप में अपना एक हाथ हवा में उठा रहे हैं। वे कहते हैं कि, दुनियाभर में अमन-शांति बनी रहे, लोगों के बीच प्रेम बना रहे, भोलेनाथ से ऐसी प्रार्थना करते हुए वे बीते 50 वर्षों से इस नियम का पालन कर रहे हैं। इस उपलब्धि की चुनौतीपूर्ण प्रकृति के बावजूद, उनके हाथ की स्थिति में स्पष्ट गिरावट के बावजूद, संत अमर भारती के समर्पण ने सोशल मीडिया पर ध्यान और प्रशंसा प्राप्त की है। उनकी एक तस्वीर वायरल हो गई है, जिसमें उनका दाहिना हाथ हवा में उठा हुआ दिखाई दे रहा है, जिसमें हड्डियां और बढ़े हुए नाखून दिखाई दे रहे हैं, जो 5 दशकों से उनके द्वारा कायम रखी गई गहन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कई लोग उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं और उनकी अनोखी कहानी शेयर कर रहे हैं। यह तस्वीर ट्विटर पर हिस्टोरिक वैदिक नाम के अकाउंट से शेयर की गई है। संत अमर भारती की अनूठी और स्थायी प्रतिबद्धता उनकी अटूट भक्ति और आध्यात्मिक यात्रा के प्रमाण के रूप में खड़ी है, जो उनकी असाधारण कहानी सुनने वालों की कल्पना और सम्मान को आकर्षित करती है।