नई दिल्ली : राम मंदिर निर्माण को लेकर मुलाकातों और बयानबाजियों का दौर जारी है. कल उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने राम मंदिर पर एक बड़ा बयान दिया था. जिसमे उन्होंने राम मंदिर के निर्माण को लेकर कहा था कि विकास कोई मुद्दा नहीं होता है. श्री राम मंदिर निर्माण देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा हैं. जहां उन्होंने कहा है कि देश के 80 करोड़ हिन्दुओं की आस्था राम मंदिर से जुड़ी हुई हैं. वहीं अब इसी मसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ साधुओं ने मुलाक़ात की है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए महंत प्रह्मनदास कई साधुओं के साथ पहुंचे है. जहां उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा है कि मोदी सरकार और यूपी में योगी सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. साधुओं ने बातचीत में बताया कि अगर सरकार ने मंदिर मसले को गंभीरता से नहीं लिया तो हम देखेंगे कि 2019 में क्या करना हैं.
गौरतलब है कि साधुओं को मंदिर मसले पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही आमंत्रित किया था. सीएम योगी संतों के काफी करीब हैं. सीएम योगी से मिलने वाले साधुओं में रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास, बड़ाभक्त महल के महंत अवधेश दास, राम बल्लभा कुज्ञ के अधिकारी राजकुमार दास, महंत डॉ. भरत दास समेत अन्य शामिल हैं. इस मसले पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने बताया है कि हमें राममंदिर बनने से कोई ऐतराज नहीं है लेकिन, अभी मामला कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट जो निर्णय देगा वह हम स्वीकारेंगे.
राम मंदिर निर्माण देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा, मुस्लिम भी है दहशत में : वसीम रिजवी