नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापसी का ऐलान करने के बाद किसानों में जश्न का माहौल है, मगर किसान संगठन इस ऐलान के बाद फ़ौरन आंदोलन खत्म नहीं करने जा रहे हैं. आगे की योजना के लिए आज किसान संगठनों की महाबैठक बुलाई गई है. बैठक में किसान संगठनों की आगे की क्या रणनीति होगी इस पर मंथन होना है.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा के अनुसार, आज पंजाब के जत्थेबंदियों की बैठक होगी, इसमे 32 संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. उससे पहले 9 सदस्यों की कमेटी की मीटिंग होगी. वहीं, कल 21 नवम्बर को SKM की आम बैठक होगी, जिसमें सभी 42 संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. किसान संगठनों की मांग है कि पहले संसद से औपचारिक रूप से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाया जाए. इसके साथ ही बिजली संसोधन बिल वापस लिया जाए. किसान नई रणनीति के लिए सिंघु बॉर्डर पर इकठ्ठा होंगे. ये बैठकें तय करेंगी कि दिल्ली की सीमाओं पर विगत एक वर्ष से जमे किसान कब हटेंगे.
हालांकि, देश के लगभग 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि समूह संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की पीएम मोदी की घोषणा का स्वागत किया है. उसने यह भी कहा कि SKM सभी घटनाक्रमों का संज्ञान लेगा और जल्द ही बैठककर आगे के फैसलों का ऐलान करेगा.
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