नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच भी तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान राजधानी दिल्ली की विभिन्न सरहदों पर जमे हुए हैं। इस कड़ी में शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर किसानों के साथ बातचीत फिर से आरंभ करने की मांग की है।
इसके साथ ही कहा कि यदि उन्हें सरकार की ओर से 25 मई तक पाॅजिटिव रिस्पांस नहीं मिलता है तो वे संघर्ष को और तेज करने की घोषणा करने के लिए मजबूर होंगे। पत्र में कहा गया है कि संघर्ष के छह माह पूरे होने से कुछ दिन पहले पत्र लिखा जा रहा है। पत्र में कहा गया है कि आंदोलनकारी किसान किसी को भी महामारी की गिरफ्त में नहीं लाना चाहते हैं, किन्तु संघर्ष को भी नहीं छोड़ सकते, क्योंकि यह जीवन और मृत्यु व आने वाली पीढ़ियों का मामला है।
उन्होंने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक सरकार उन तीन कानूनों को रद्द कर देती, जिन्हें किसानों द्वारा ठुकरा दिया गया है, जिनके नाम पर ये अधिनियमित किए गए थे। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते किसानों के साथ एक गंभीर और ईमानदार बातचीत फिर से आरंभ करने की जिम्मेदारी आप पर ही है।
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