नई दिल्ली: राज्यसभा में पीएम मोदी का किसानों पर दिए गए बयान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने पलटवार किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी द्वारा किसानों के किए गए अपमान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि 'हम पीएम को याद दिलाना चाहेंगे कि वे आन्दोलनजीवी ही थे, जिन्होंने देश को औपनिवेशिक शासकों से मुक्त करवाया था और इसीलिए हमें आंदोलनजीवी होने पर गर्व भी है।' किसानों ने कहा कि यह भाजपा और उसके पूर्वज ही है जिन्होंने कभी भी अंग्रेजों के विरुद्ध कोई आंदोलन नहीं किया। वे हमेशा से जन आंदोलनों के खिलाफ रहे, इसलिए वे अभी भी जन आंदोलनों से डरते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यदि सरकार अब भी किसानों की मांगों को स्वीकार करती है, तो किसान वापस जाकर पूरी मेहनत से खेती करने के लिए ज्यादा खुश होंगे। यह सरकार का अड़ियल रवैया है, जिसके चलते ये आंदोलन लंबा खिंच रहा है जो कि आंदोलनजीवी पैदा कर रहा है। MSP पर खाली बयानों से किसानों को किसी भी प्रकार से फायदा नहीं होगा और अतीत में भी इस प्रकार के अर्थहीन बयान दिए गए थे। किसानों को वास्तविकता में और समान रूप से टिकाऊ तरीके से तभी फायदा होगा जब सभी फसलों के लिए MSP को ख़रीद सहित कानूनी गारंटी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हम सभी तरह के FDI का विरोध करते है। पीएम का FDI दृष्टिकोण भी खतरनाक है, यहां तक कि हम खुद को किसी भी FDI "विदेशी विनाशकारी विचारधारा" से अलग करते हैं। हालांकि, SKM रचनात्मक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ खड़ा है, जो विश्व में कहीं भी बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखते हैं और पूरी दुनिया में तमाम न्यायसंगत विचारधारा वाले नागरिकों से समान पारस्परिकता की अपेक्षा करते हैं क्योंकि "कहीं भी हो रहा अन्याय हर जगह के न्याय के लिए खतरा है"।
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