साड़ी को दुनिया के पुराने परिधानों में से एक माना जाता है और भारत में साड़ी को लेकर महिलाओं में विशेष लगाव है और ऐसा हो भी क्यों न इसमें इतनी वैरायटी, कलर, डिजाइन और पैटर्न जो आते हैं. यही नहीं साड़ी में इतने एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं जितने किसी और कपड़े के साथ मुमकिन ही नहीं है. और तो और इसे हर बार अलग स्टाइल में पहना जा सकता है. भारत के हर राज्य में इसे पहनने का तरीका भी अलग है. लेकिन लगता है कि दुनिया का मशहूर पब्लिकेशन न्यूयॉर्क टाइम्स साड़ी की महिमा, गरिमा और इतिहास से अंजान है.
जी हां, इसमें छपे एक लेख में साड़ी को 'हिंदुओं का परिधान' बताया गया है. हालांकि लेख में कहा गया है कि मई 2014 के बाद से साड़ी को काफी प्रमोट किया जा रहा है, लेकिन पीएम मोदी के चुनाव जीतने के बाद से बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकारों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स के इस आर्टिकल से ट्विटर यूजर्स खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि आर्टिकल बेहद खराब तरीके से लिखा गया है और उसमें गलत तर्क दिए गए हैं. न्यू यॉर्क टाइम्स के इस विवादिक लेख पर यूज़र्स का गुस्सा कुछ यूँ फूटा.