देश की प्रथम महिला कोरियोग्राफर के संघर्ष तथा कामयाबी की कहानी अब परदे पर पेश होने जा रही है। हिंदी फिल्मों की सबसे लोकप्रिय कोरियोग्राफर सरोज खान की बायोपिक शीघ्र ही आरम्भ होने वाली है। सरोज खान के बच्चों ने उनकी बायोपिक के कानूनी अधिकार फिल्म एवं म्यूजिक कंपनी टी सीरीज को दे दिए हैं। अपनी डांस कोरियोग्राफी से इंडियन फिल्मों में तहलका मचाने वाली निर्मला किशनचंद साधु सिंह नागपाल उर्फ सरोज खान को कई बहुत कामयाब गीतों के लिए जाना जाता था।
हिंदी फिल्मों की नंबर वन एक्ट्रेसेस उनको अपना डांस गुरु मानती रही हैं। 50 वर्ष तक कैमरे के सामने एक्टिव रहीं सरोज खान के पिछली सदी के नौवें और अंतिम दशक में आए तमाम सांग्स को बहुत ही पॉपुलैरिटी प्राप्त हुई। सरोज खान के बच्चों कोरियाग्राफर राजू खान, सुकैना खान तथा हिना खान ने इस बायोपिक के लिए लंबी चर्चाओं के पश्चात् हां की है। कोरियोग्राफर सरोज खान उन कुछ महिलाओं में से थीं जिन्होंने हिंदी फिल्मों में उस वक़्त काम किया था जब करीब सभी तकनीशियन पुरुष ही होते थे।
सरोज खान इंडस्ट्री में तीन साल की आयु में आई थीं तथा 10 साल की आयु में डांसर बन गईं। 12 साल की आयु में तो वह असिस्टेंट कोरियोग्राफर बन गईं थीं। अपने कॅरियर में तकरीबन 3500 गीतों की कोरियोग्राफी करने वाली सरोज खान ने 'एक दो तीन', 'चोली के पीछे क्या है', 'हवा हवाई', 'धक धक करने लगा' जैसे कई हिट सांग्स पर शानदार डांस सिखाए हैं। इनके अतिरिक्त ‘देवदास’, ‘लम्हे’, ‘नगीना’, ‘कलंक’, ‘चांदनी’, ‘सांवरिया’, ‘ताल’, ‘बेटा’, ‘हम दिल दे चुके सनम’, तथा कई अन्य मूवीज में कोरियोग्राफ किए गए उनके मशहूर गानों की पीढ़ियां दीवानी रही हैं।
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