आजकल अपराध के मामले दिन पर दिन बचते चले जा रहे हैं। ऐसे में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के ग्राम पंचायत रायता के सरपंच को देर रात कुछ लोग चाय के ढाबे से जबरन कार में बिठाकर ले गए। उसके बाद उन्होंने उसके हाथ-पैर तोड़ दिए और पांच किलोमीटर बेगूं-रावतभाटा सड़क पर फेंक दिया। इस मामले में बताया जा रहा है कि अब घायल सरपंच (हेमराज धाकड़) और उसकी सरपंच पत्नी का आरोप है कि 'हमलावर पारसोली के एसएचओ संजय गुर्जर सहित पुलिसकर्मी ही थे।'
उनके इस आरोप के बाद एसएचओ ने उन्हें झूठा बताया है और कहा है कि, 'किसी भी एजेंसी से इसकी जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आए।' इस मामले में यह भी बताया जा रहा है कि बेगूं थाना पुलिस ने बीते सोमवार देर शाम बाद मामला तो दायर कर लिया है लेकिन अब भी आरोपी नामजद नहीं किये गए हैं। इस मामले में यह भी बताया जा रहा है कि एसपी दीपक भार्गव मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने वाले है। सरपंच पत्नी निर्मला देवी धाकड़ ने पारसोली थानाधिकारी संजय गुर्जर, कांस्टेबल दुर्गेश कुमार समेत तीन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपने सरपंच पति हेमराज का अपहरण कर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए एसपी और बेगूं थाने में नामजद रिपोर्ट दी है।
अब इस मामले में जांच के बारे में कहा जा रहा है। इस मामले में पारसोली के थानाधिकारी संजय गुर्जर ने कहा कि, 'वे रात को अपने थाना क्षेत्र में ही गश्त पर थे तो वह दूसरे थाना क्षेत्र में क्यों जाएंगे। उन्हें सुबह में बेगूं थानाधिकारी ने घटना के बारे में बताया। घायल के आरोप निराधार हैं। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो जाएगी जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।'
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