1. पैरों की मालिश: पैरों के तलवों में तेल की मालिश करने से स्थिरता रहती है, आंखों की रोशनी बढ़ती है, नींद अच्छी आती है, पैरों का फटना बंद हो जाता है, थकावट, संकोच मिटता है और पैरों में किसी तरह का रोग नहीं होता है.
2. पैर फटना: सर्दियों में पैर फट जाए तो सोते समय उन पर सरसों का तेल लगाकर और पिसी हुई हल्दी ऊपर से पैरों मे लगाकर सो जायें. कुछ दिन तक ऐसा करने से फटे हुए पैर ठीक हो जाते हैं.
3. जूं का नाश: 25 मिलीलीटर नींबू का रस और 20 मिलीलीटर सरसों के तेल को मिलाकर लगाने से जूं नष्ट हो जाती है.
4. स्तनों का उभार: स्त्री के स्तनों पर रोजाना सरसों के तेल की मालिश करने से स्तनों में मोटापन और उभार आता है.
5. खांसी: सरसों के तेल मे सेंधानमक मिलाकर छाती पर मलने से कफ आसानी से निकल जाता है और खांसी कम हो जाती है.
6. दमा: यदि अधिक खांसने पर भी कफ न निकलता हो तो सरसों के 20 मिलीलीटर तेल में 5 ग्राम सेंधा नमक अच्छी तरह से मिलाकर तो रोगी के सीने पर मालिश करने से कफ का रोग ठीक हो जाता है.