देख तेरी गंगा की हालत क्या हो गई मोदी, कितना बदल गया रे तू..

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनी उत्तर प्रदेश दौरे पर है. पहला दौरा मोदी जी ने आजमगढ़ का किया था वहीं दूसरा दौरा मोदी जी का काशी में था. काशी के दौरे पर मोदी ने माँ गंगा के सफाई अभियान से जुड़ी बातें की लेकिन कुछ बातें ऐसी भी थी, जहाँ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से अपने ही संसदीय क्षेत्र में माँ गंगा के लिए एक बार फिर से झूठ बोलते हुए नजर आए. 

मोदी ने आज यानी शनिवार को अपने भाषण में कहा था कि "चार साल पहले माँ गंगा पर गहरा संकट था, लेकिन हमें गंगा की सफाई का अभियान चलाया" मोदी जी ने आज अपने भाषण में माँ गंगा की सफाई को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की लेकिन सरकार की ही एक रिपोर्ट मोदी के इस भाषण को झूठ बताती है, आइए आपको बताते है कैसे. 

"चार साल पहले माँ गंगा पर गहरा संकट था, लेकिन हमें गंगा की सफाई का अभियान चलाया" 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जाँच और एक RTI में सरकार ने भी खुद माना है कि पिछले चार सालों में गंगा और भी गन्दी हुई है. पिछले चार सालों में गंगा के पानी में विष्ठा कोलिफॉर्म बैक्टीरिया 58 फीसदी बढ़ गया है. किसी पानी के सेम्पल में अगर 1000 मिलीलीटर पानी में 2,500 से ज्यादा कोलिफॉर्म माइक्रोऑर्गेनिज्म्स पाए जाते है तो वो पानी नहाने योग्य नहीं होता है लेकिन गंगा के पानी के सेम्पल में, कोलिफॉर्म माइक्रोऑर्गेनिज्म्स इतनी ही पाई गई थी. 

 RTI में सरकार ने भी खुद माना है कि पिछले चार सालों में गंगा और भी गन्दी हुई है

RTI से दिए जवाब में सरकार ने माना है कि साल 2017 में ब्रिज के पास से लिए गए पानी के नमूने में विष्ठा कोलिफॉर्म बैक्टीरिया प्रति 100 मिलीलीटर में 49,000 पाए गए, जबकि 2014 में यहीं आकंड़ा प्रति 100 मिलीलीटर 31,000 का था.वाराणसी में गंगा नदी में मोटे तौर पर पांच नाले मिलते हैं जिनसे हर दिन दस लाख लीटर से ज्यादा बहाव आता है.’ गंगा में नाले मिल रहें है ये बात हजम करने की आदत देश अब डाल चूका है. क्योकि अब गंगा एक पावन नदी नहीं है जिसे माँ गंगा कहा जाता था. अब वो विकासशील भारत का वो कूड़ादान बन चुकी है.

2017 में ब्रिज के पास से लिए गए पानी के नमूने में विष्ठा कोलिफॉर्म बैक्टीरिया प्रति 100 मिलीलीटर में 49,000 पाए गए

माँ गंगा के पानी में कचरे के रूप में पाया जाने वाला ऐसा क्या नहीं है जो पाया नहीं जाता. इंसानी लाश, जानवरों का सड़ा हुआ चमड़ा, कारखानों का पानी, ख़राब प्लास्टिक यहाँ तक कि गंगा के पानी में लोगों का मलमूत्र भी पाया जाता है, लेकिन झूठ बोलने में माहिर सरकार को शायद यह बातें दिखाई नहीं देगी. वहीं एक समय जब कांग्रेस का शासन हुआ करता था, तब मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भी पूर्व में गंगा को लेकर एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि "अगर माँ गंगे को साफ स्वच्छ नहीं कर सकी तो अपने प्राण त्याग दूंगी." हालाँकि उमा भारती जी अपने इस बयान को भूल गई होगी.  राजनीति के इस पछड़े में चाहे जो भी लेकिन माँ गंगा के नाम पर राजनीति करने वाले नेता लोगों को माँ गंगा कभी माफ़ नहीं करेगी. 

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