"योगी के बेगुनाह कुलदीप सिंह सेंगर..."

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देश में बलात्कार कोई नई बात नहीं है, आए दिन देश के हर राज्य से ऐसी ख़बरें आती रहती है. देश के हर कोनों से ख़बरों को चुन-चुन कर निकाला जाए तो उन्नाव जैसे सैकड़ों-हजारों केस आपको दिखाई पड़ेंगे. एक बात जो अब तक कहीं-न-कहीं समझ से परे है, वो यह कि उन्नाव की घटना की जो गहराइयाँ अब तक मीडिया में देखने को मिली है, यह घटना उससे कई ज्यादा बड़ी है. 

उत्तर प्रदेश की सरकार और वहां के प्रशासन, वहां की व्यवस्था पर लाखों सवाल खड़े करता यह रेप केस 11 महीनों के लम्बे समय के बाद अब जाकर हम लोगों तक पहुंचा है. जो ज़हन में कई सवाल खड़े करता है. एक मुख्यमंत्री के तौर पर जनता ने योगी को जिस पद पर बैठाया है क्या वो इस समय वहां बैठने के लायक भी है? अपने राज्य में इतना बड़ा काण्ड, वो भी खुद आपके ही विधायक करते है, और आपको कानों-कान खबर नहीं? ये तो सोचने पर मजबूर करता है.

इतने महीनों से जांच के नाम पर पुलिस क्या कर रही थी? क्यों पुलिस ने इतने महीनों से आरोपी ठहराए जा रहे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से कोई पूछताछ नहीं की? लड़की के पिता का क्या दोष था, जो उसे जेल में डाला गया? क्यों पुलिस ने इतनी बेरहमी से लड़की के पिता को पीट-पीटकर मार डाला? क्यों पुलिस अधमरी हालत में पुलिस लड़की के पिता के अंगूठे के निशान ले रही थी? ऐसी परिस्थितियों में हॉस्पिटल का प्रशासन भी हँसते हुए नजर आ रहा है, क्या इन्ही किसी चीज की ख़ुशी हुई है? क्या पढ़े लिखे प्रशासन को पता नहीं कि बेहोशी की हालत में किसी का हस्ताक्षर लेना कानूनन अपराध है? क्या लड़की के पिता कोई आतंकवादी थे जो उनको इस कदर तड़पा कर पुलिस ने पेट के अंदर कीआंते तक फाड़ दी? योगी ने अभी क्या कदम उठाए सिवाय आश्वासन के? क्या हर बार SIT और CBI जांच से रेप पीड़िताओं को न्याय मिल जाएगा? क्या SIT लड़की के पिता को फिर से ज़िंदा कर देगी? आखिर अंगूठे का निशान क्यों? विधायक के सभी इंटरव्यू में वो ऐसा दिखाई दे रहा है जैसे उसे किसी चीज का फर्क नहीं है? 

"अरे भगवान, अरे पापा, एक बार हमारे पापा को दिखा दो...

क्या....क्यों.....कब.... और न जाने क्या-क्या.... ऐसे हजारों सवाल है मन में जो इन सत्ताधारी ताकतों से पूछना अब जरुरी है, वरना आए दिन कोई भी बीजेपी ज्वाइन कर अपने ऊपर लगे आरोपों को धो लेता है, फिर ये विधायक तो खुद बीजेपी के है इन्हें क्या फर्क पड़ना है. खैर जो हो भी नवरात्री पर देवियों की 9 दिन पूजा करने वाले योगी जी को शायद अपने आसपास मौजूद देवियों का ख्याल नहीं, लेकिन फिर भी समय-समय पर साहब स्त्रियों  की मर्यादा की खोखली बातें करते रहते है....

"खैर आगे देखिये सत्ताधारी ताकतें कुछ भी कर सकती है, हो सकता है कुलदीप सिंह सेंगर बेगुनाह साबित हो जाए....."

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