साहब, अरे ओ साहब सुन रहे है आप... कुछ लिख दूँ क्या? 70 सालों का हिसाब तो नहीं देना पड़ेगा? या ऐसा ही बैठा रहूं हाथ पर हाथ धर कर. आप कुछ सुनते क्यों नहीं? कहीं आप बहरे तो नहीं हो गए? देखिए बाहर देश की गरीब, मरती जानता आपका इंतजार कर रही है. वो आपसे मिलना चाहती है, उसको कुछ उम्मीद थी तभी आपको वोट दिया था, वो जानता मर रही है, ज़रा देख लीजिये साहब.
गोरखपुर में मासूमों की चीखें अभी कानों में ही थी की शुक्रवार को कानपुर के हॉस्पिटल में AC खराब होने से पांच लोगों की और मौत हो गई, लेकिन आपको तो कुछ फर्क ही नहीं पड़ता साहब, किस मिट्टी के बने है आप, कुछ दिन पहले ही आपकी नेता हॉस्पिटल में AC बंद हो जाने पर डॉक्टरों को चप्पल से पीट देती है और आज AC के कारण आईसीयू में भर्ती पांच घर 2 मिनट में उजड़ जाते है, कभी समय हो तो कुछ मंदिर कम घूमकर हॉस्पिटल या स्कूलों के चक्कर लगा लो, या सिर्फ धर्म की राजनीति करने के लिए सीएम बने है आप?
जनता ने आपको देश के सबसे बड़े राज्य का राजा बनाया है, लेकिन शायद आप इस बात को भूल गए है कि जो जनता बनाना जानती है तो बिगाड़ना भी. आपके राज्य में गन्ना किसानों का हजारों करोड़ों रुपया बाकी है, हाल ही में आपके ही राज्य के गन्ना किसान राहुल ने गन्ने का पैसा नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर ली, बाद में पता चला उसकी छोटी बहन को कैंसर था जिसका इलाज कराने के पैसे नहीं थे, थोड़ा देख लीजिए साहब, बद्दुआ लगेगी गरीबों की कहीं के भी नहीं रहेंगे आप.
बातचीत के लिए मरे नहीं जा रहे है: हुर्रियत