जेल में स्विमिंग पूल चाहते हैं सत्येंद्र जैन ! सुप्रीम कोर्ट में जमानत का विरोध करते हुए क्या बोली ED ?

जेल में स्विमिंग पूल चाहते हैं सत्येंद्र जैन ! सुप्रीम कोर्ट में जमानत का विरोध करते हुए क्या बोली ED ?
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (25 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन जेल में "स्विमिंग पूल" चाहते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जैन को दी गई अंतरिम मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ाने का विरोध करते हुए यह टिप्पणी की। यह घटना तब सामने आई, जब जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ AAP नेता जैन की अंतरिम जमानत के विस्तार पर दलीलें सुन रही थी।

दरअसल, अदालत को एक मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें संकेत दिया गया कि जैन वर्तमान में अपने रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन से उबरने की प्रक्रिया में हैं, जो 21 जुलाई को हुआ था। रिपोर्ट कार्रवाई के एक कोर्स की सिफारिश करती है, जिसमें फिजियोथेरेपी, जलीय व्यायाम और उसके शरीर की गतिविधियों पर कुछ सीमाएं शामिल हैं। कार्यवाही के दौरान, सत्येन्द्र जैन के वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से आप नेता की अंतरिम जमानत बढ़ाने का आग्रह किया। सिंघवी ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल सत्येन्द्र जैन रीढ़ की हड्डी के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के बाद "कुछ महत्वपूर्ण पुनर्वास" से गुजर रहे हैं। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का विरोध करते हुए ED ने दलील दी कि उनकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए चिकित्सकीय सलाह पर्याप्त नहीं है। ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जोर देकर कहा कि जैन की स्वतंत्र चिकित्स्कीय परीक्षाएं AIIMS द्वारा आयोजित की जानी चाहिए। ASG राजू ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो वे जैन को फिजियोथेरेपी के लिए स्विमिंग पूल में ले जा सकते हैं।

ED ने कहा कि, ''उन्हें (जैन को) आज आत्मसमर्पण करने दीजिए। हम उन्हें फिजियोथेरेपी उपलब्ध कराने को तैयार हैं और यदि जलीय व्यायाम के लिए, अगर उसे स्विमिंग पूल की ज़रूरत है, तो हम उन्हें वहां भी ले जा सकते हैं। उनके द्वारा दिखाई गई मेडिकल रिपोर्ट में जमानत को एक दिन भी बढ़ाने की कोई बात नहीं है। उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहें। उनके साथ किसी भी सामान्य याचिकाकर्ता की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।” जिस पर कोर्ट ने जवाब दिया, “क्या करें? यदि वह फिजियोथेरेपी कराते हैं, तो आप तस्वीरें लेंगे और उन्हें प्रकाशित करेंगे। इसके बाद पीठ ने सत्येन्द्र जैन को दी गई मेडिकल अंतरिम जमानत को 1 सितंबर तक बढ़ा दिया। उस दिन उनकी नियमित जमानत की याचिका भी सूचीबद्ध होगी। बता दें कि AAP नेता सत्येन्द्र जैन ने अपनी याचिका में दिल्ली उच्च न्यायालय के 6 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि उसे उसकी जमानत खारिज करने के निचली अदालत के आदेश में कोई अवैधता नहीं मिली।

गौरतलब है कि ईडी ने मई 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल सरकार के पूर्व मंत्री जैन को गिरफ्तार किया था। उन्हें 26 मई को छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी, जो 11 जुलाई तक समाप्त होनी थी। जेल में एक साल से अधिक समय बिताने के बाद यह पहली राहत थी। उन्हें अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने से राहत मिली। बाद में कोर्ट ने उनकी मेडिकल स्थिति को देखते हुए अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी। जांच के बाद, पिछले साल ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। ED की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज किए गए एक मामले के कारण शुरू हुई। वह सीबीआई मामले में जमानत पर हैं।

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