नई दिल्ली : यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि बेनामी संपत्ति कानून 1988 में ही बन गया था, लेकिन मोदी सरकार ने इसमें अधिसूचना जारी कर इसे लागू करने का प्रयास किया. अब ऐसा लग रहा है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन इस कानून के तहत घेरे में आने वाले पहले व्यक्ति बन सकते हैं.आयकर विभाग जैन के मामलों की जांच कर रहा है.
आयकर विभाग के अनुसार सत्येंद्र जैन ने आयकर कानूनों का उल्लंघन किया है. विभाग का कहना है कि उसके पास सत्येंद्र जैन के खिलाफ बेनामी संपत्ति कानून के तहत केस दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.सत्येंद्र जैन के खिलाफ बेनामी संपत्ति कानून के तहत पहला केस दर्ज हो सकता है.
आयकर विभाग के सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि जैन से जुड़ी कंपनियों में हवाला के रास्ते करोड़ों रुपये आए और उनसे दिल्ली के विभिन्न भागों में 200 एकड़ से अधिक की जमीन खरीदी गई. इन जमीनों के रजिस्ट्री के पेपरों पर सत्येंद्र जैन के फोटो तक लगे हैं.आयकर विभाग इन्हें सत्येंद्र जैन की बेनामी संपत्ति मान रहा है.हालाँकि सत्येंद्र जैन उन कंपनियों से नाता तोड़ चुके हैं जिनके मार्फत वह इस केस में फंस रहे हैं.
बेनामी संपत्ति को सत्येंद्र जैन ने चुनाव आयोग से भी छिपाया है.केस दर्ज होने पर यह संपत्ति जब्त भी हो सकती है.इसके अलावा दिल्ली के स्वास्थ्य और ट्रांसपोर्ट मंत्री सत्येंद्र जैन पर मनी लॉड्रिंग का मामला भी बनता दिखाई दे रहा है. लोकसेवक होने के कारण जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून में भी मुकदमा दर्ज हो सकता है.